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वंदे मातरम विवाद पर गरमाई सियासत, अमित शाह ने कहा- कांग्रेस मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही

मध्य प्रदेश में 'वंदे मातरम' पर सियासत गर्मा गई है, कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सामूहिक वंदे मातरम पर लगाई गई अघोषित रोक से बीजेपी ने हमलावर तेवर में है.

Updated on: 03 Jan 2019, 07:39 AM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में 'वंदे मातरम' पर सियासत गर्मा गई है, कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सामूहिक वंदे मातरम पर लगाई गई अघोषित रोक से बीजेपी ने हमलावर तेवर में है. बीजेपी अध्य्क्ष अमित शाह ने इस फरमान पर पलटवार करते हुए इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक बताया. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार हिंदुस्तान के दिल मध्यप्रदेश को तुष्टिकरण का केंद्र बना रही है.

बीजेपी अध्यक्ष ने लिखा, 'वंदे मातरम' मात्र एक गीत भर नहीं होकर यह भारत की स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक और हर भारतीय का प्रेरणाबिंदु है. 'वंदे मातरम' में सम्पूर्ण भारत की रागात्मक अभिव्यक्ति समाहित है. 'वंदे मातरम' पर प्रतिबन्ध लगाकर कांग्रेस ने न सिर्फ देश की स्वाधीनता के लिए वंदे मातरम का जय घोष गाकर अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर बलिदानियों का अपमान किया है बल्कि यह मध्य प्रदेश की जनता के साथ भी विश्वासघात है.'

कमलनाथ सरकार के इस कदम को देशद्रोह करार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने लिखा, 'किसी भी प्रकार की राजनीतिक सोच में देश के बलिदानियों का अपमान करना मेरे जैसे एक आम भारतीय की द्रष्टि में देशद्रोह के समान है.'

उन्होंने लिखा, 'वंदे मातरम' किसी एक वर्ग विशेष का नहीं है बल्कि भारत की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण आहूत करने वाले लाखों सेनानियों के त्याग का प्रतीक हैं और केवल एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए इसका अपमान करना बहुत ही दुखद, शर्मनाक और देश की स्वतंत्रता का अपमान भी है.'

इसके साथ ही अमित शाह ने राहुल गांधी से इसपर अपना पक्ष स्पष्ट करने का जिक्र किया. उन्होंने लिखा, 'मैं कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि 'वंदे मातरम' का यह अपमान क्या उनका निर्णय है? कांग्रेस सरकार के इस दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय पर राहुल गांधी को देश की जनता के सामने अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए.'

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क्या है मामला?

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हर महीने की एक तारिख को मंत्रालय में वंदे मातरम की अनिवार्यता पर रोक लगा दी. सूबे के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार वंदे मातरम को नया रूप देगी और इस बारे में जल्द घोषणा की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने निशाना साधते हुए बीजेपी पर इस मुद्दे पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया. इस फरमान पर सूबे के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय किसी अजेंडे के तहत नहीं है. न ही हमारा वंदे मातरम गायन को लेकर कोई विरोध है. वंदे मातरम हमारे दिल की गहराइयों में बसा है. हम भी समय-समय पर इसे गाते हैं. कमलनाथ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारा यह भी मानना है कि सिर्फ एक दिन वंदे मातरम गाने से किसी की देशभक्ति या राष्ट्रीयता परिलिक्षित नहीं होती. देशभक्ति व राष्ट्रीयता को सिर्फ एक दिन वंदे मातरम गायन से जोड़ना गलत है. इस पर बीजेपी ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग वंदे मातरम नहीं गाते क्या वह देशभक्त नहीं है.