प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठन (एनडीए) की सोमवार को बैठक करेंगे। इस बैठक के बाद रात्रिभोज का भी इंतजाम है। बैठक के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख अमित शाह ने अपने सहयोगियों को खुद फोन कर न्यौता दिया है। इस बैठक में बीजेपी से खफा चल रही शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शामिल होंगे। बैठक में राष्ट्रपति चुनाव मे पर भी चर्चा होनें की संभावना है।
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जानकारी के अनुसार लोकसभा में पूर्ण बहुमत होने के बाद भी पीएम मोदी अपने सहयोगी दलों को भी साथ लेकर चलना चाहते है। इस बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होने की संभावना है।
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अमित शाह ने उद्धव ठाकरे के अलावा चंद्र बाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, रामविलास पासवान, अनुप्रिया पटेल, उपेन्द्र कुशवाह, रामदास अठावले समेत एनडीए के सभी 32 सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं को न्यौता दिया है। इनमें कुछ ऐसे दल भी हैं जो चाहे एनडीए में शामिल न हों, मगर बीजेपी के साथ सत्ता में या तो हिस्सेदार हैं या फिर उन्होंने मिल कर चुनाव लड़ा है।
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राष्ट्रपति चुनाव के अलावा 2019 में होने वाले आम चुनाव भी इस बैठक का मुख्य मुद्दों में से एक है। बैठक की थीम 'सबका साथ सबका विकास' है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से यह एनडीए के शीर्ष नेताओं की दूसरी बैठक होगी।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए क्यों जरूरी है सहयोगी दल
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 4896 लोग मिलकर नया राष्ट्रपति चुनेंगे। राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया के मुताबिक इन वोटों की कुल कीमत 10.98 लाख है। बीजेपी को अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवाने के लिए 5.49 लाख कीमत के बराबर वोटों की दरकार है।
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पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी और सहयोगी पार्टियों के पास कुल 5.53 लाख है। मगर इनमें से करीब 20 हजार कीमत के वोट एनडीए की सहयोगी पार्टियों के हैं।
इसलिए ही बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है। साथ ही 9 अप्रैल को हुए उप-चुनाव हैं पर भी बीजेपी का खासा जोर है। उनके वोटों की कुल कीमत करीब 4 हजार बैठती है।
Source : News Nation Bureau