logo-image

रोहिंग्या से हमदर्दी जता कर घिरे वरुण गांधी, बीजेपी बोली- देश हित में नहीं है बयान

केंद्र सरकार और पार्टी ने वरुण के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि देश हित में सोचने वाला इस तरह की बात नहीं करेगा।

Updated on: 26 Sep 2017, 06:17 PM

highlights

  • वरुण गांधी ने कहा, शरण देने की परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना जारी रखना चाहिए
  • बीजेपी बोली, जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा

नई दिल्ली:

म्यांमार में हिंसा के बाद भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों के प्रति सहानुभूति भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद वरुण गांधी को भारी पड़ सकता है। केंद्र सरकार और पार्टी ने वरुण के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि देश हित में सोचने वाला इस तरह की बात नहीं करेगा।

सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी ने एक न्यूज पेपर में लिखे लेख में कहा, 'जिन इलाकों में बड़ी संख्या में शरणार्थी हों, वहां तनाव और भेदभाव कम करने के लिए स्थानीय निकायों को आगे बढ़ कर मकान मालिकों और स्थानीय एसोसिएशनों को इनके प्रति संवेदनशील बनाने के लिए कदम उठाने चाहिये।'

वरुण ने कहा, 'हमें म्यांमारी रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण जरूर देनी चाहिए, लेकिन इससे पहले वैध सुरक्षा चिंताओं का आकलन भी करना चाहिए। स्वभाविक रूप से अधिकांश शरणार्थी अपने घर लौटना चाहेंगे।'

बीजेपी सांसद ने कहा, 'आतिथ्य सत्कार और शरण देने की अपनी परंपरा का पालन करते हुए हमें शरण देना निश्चित रूप से जारी रखना चाहिए।'

और पढ़ें: राजनाथ ने कहा, रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थी नहीं, अवैध अप्रवासी

पार्टी सांसद के इस बयान पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और बीजपी नेता हंसराज अहीर ने कहा, 'जो देश के हित में सोचेगा वो इस तरह के बयान नहीं देगा।'

आपको बता दें कि केंद्र सरकार भारत आये रोहिंग्या को शरणार्थी नहीं, अवैध अप्रवासी मानती है और उसे वापस म्यांमार भेजना चाहती है।

भारत सरकार ने 2012 में हुई हिंसा के बाद भारत आए रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस भेजने का फैसला किया है। सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। भारत में करीब 40000 रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं।

केंद्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों के भारत में रहने पर देश के संसाधन और देश की जनता के अधिकार प्रभावित होंगे।

आपको बता दें कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में हुई हिंसा के बाद करीब 400,000 रोहिंग्या मुसलमानों बांग्लादेश पलायन कर चुके हैं। म्यांमार में 25 अगस्त को बौद्ध और मुस्लिम के बीच संघर्ष हुआ था। जिसके बाद से रोहिंग्या मुस्लिम पलायन कर रहे हैं।

और पढ़ें: सेना का दावा, म्यांमार में मिली हिंदुओं की सामूहिक कब्र