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बीजेपी पर कांग्रेस के आरोप के बीच वरुण गांधी बोले, चुनाव आयोग बिना दांतों वाला बाघ

वरुण ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव पर बहुत पैसे खर्च करती हैं और इस कारण साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पाता है।

Updated on: 14 Oct 2017, 04:50 PM

highlights

  • चुनाव आयोग के गुजरात चुनाव की घोषणा नहीं करने पर पहले ही बीजेपी विपक्ष के निशाने पर
  • अब वरुण गांधी ने इस मसले पर पार्टी से अलग रखी राय
  • रविशंकर प्रसाद ने एक दिन पहले चुनाव आयोग को बताया था स्वतंत्र संस्था

नई दिल्ली:

बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने चुनाव आयोग को बिना दांतों वाला बाघ बताया है। वरुण ने शुक्रवार को कहा कि चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाले खर्च का ब्यौरा तय समय सीमा के भीतर जमा नहीं कराने के लिए कभी किसी राजनीतिक पार्टी की मान्यता रद्द नहीं की।

वरुण ने साथ ही कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव पर बहुत पैसे खर्च करती हैं और इस कारण साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले लोगों को चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिल पाता है।

वरुण का यह बयान तब आया है जबकि चुनाव आयोग द्वारा गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा नहीं किए जाने के बाद विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमला बोल रहा है।

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दरअसल, चुनाव आयोग हिमाचल प्रदेश चुनाव की घोषणा कर चुकी है। इसी के बाद कांग्रेस लगातार आरोप लगा रही है कि आखिरी मिनट में वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी चुनाव आयोग दबाव बनाने की नीति अपना रही है।

वरुण ने कहा, 'चुनाव आयोग के साथ सबसे बड़ी समस्या है कि यह वास्तव में एक बिना दांतों वाला शेर है।'

वरुण ने संविधान का जिक्र करते हुए कहा, 'आर्टिकल 324 के अनुसार चुनाव आयोग का काम चुनाव कराने, चुनाव की प्रक्रिया को नियंत्रित करने का है। क्या वाकई ऐसा होता है?'

भारत में राजनीतिक सुधार संबंधित एक विषय पर हैदराबाद के नलसार यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'चुनाव आयोग के पास चुनाव खत्म हो जाने के बाद केस दर्ज करने का अधिकार नहीं है। उसे ऐसा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाना होता है।'

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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से सांसद वरुण ने कहा, 'सभी पार्टियां लेट से रिटर्न दाखिल करती हैं, लेकिन केवल एक पार्टी जो पीए संगमा (एनपीपी) से जुड़ी थी, उसकी ही मान्यता रद्द की गई। यही नहीं, खर्चे की रिपोर्ट दाखिल करने के बाद उसी दिन मान्यता लौटा भी दी।'

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