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जनसंख्या को लेकर विवादित बयान देने वाले बीजेपी सांसद साक्षी महाराज दी सफाई, कहा किसी धर्म या समुदाय का नाम नहीं लिया

साक्षी महाराज ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक समान नागरिक संहिता की भी मांग की।

Updated on: 11 Jan 2017, 07:59 PM

highlights

  • यूपी में विधानसभा चुनाव के कारण आचार सहिंता लागू है
  • चुनाव आयोग ने टिप्पणी को लेकर साक्षी महाराज को भेजा था समन

नई दिल्ली:

अपने विवादास्पद बयान को लेकर चुनाव आयोग में तलब किए जा चुके भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद साक्षी महाराज ने बुधवार को सफाई पेश की। उन्होंने कहा कि अपनी टिप्पणियों में किसी भी धर्म या समुदाय का नाम नहीं लिया था। सांसद ने धार्मिक नेताओं की बैठक में टिप्पणी की थी, जिसे लेकर चुनाव आयोग ने उन्हें समन जारी किया है।

साक्षी महाराज ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक समान नागरिक संहिता की भी मांग की।

भारतीय चुनाव आयोग के मुख्यालय से बाहर बीजेपी सांसद ने कहा, 'मैंने जो कुछ कहा था, वह किसी जनसभा या चुनावी रैली में नहीं कहा। मैंने अपनी बात धार्मिक नेताओं द्वारा आयोजित की गई एक बैठक में रखी था।'

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महाराज ने आगे कहा, 'मैंने किसी धर्म या समुदाय का नाम नहीं लिया, बल्कि बढ़ती आबादी पर चिंता जताई। जनसंख्या हर हाल में नियंत्रित रहनी चाहिए। महिलाएं बच्चा पैदा करने की मशीन नहीं हैं।'

भाजपा सांसद महाराज को भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें आयोग ने कहा था कि प्रथम दृष्टया राय यह है कि उन्होंने 'खारिज करने योग्य बयान' देकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया।

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साक्षी महाराज सात जनवरी को उत्तर प्रदेश के मेरठ में अपनी टिप्पणी से विवादों में आ गए थे। उन्होंने कहा था, 'जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसलिए देश की समस्याएं भी बढ़ रही हैं, लेकिन हिंदू इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए वे जिम्मेदार हैं, जो चार पत्नी और 40 बच्चे की बात करते हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहा है और आदर्श आचार संहिता लागू है। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले हफ्ते व्यवस्था दी है कि धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर वोट देने के लिए की गई अपील चुनाव के कानूनी प्रावधान के तहत 'भ्रष्ट गतिविधि' मानी जाएगी।