बीजेपी ने मिशन 2019 के लिए टारगेट 350 रखा है, लिहाजा बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह खुद इस मिशन में जी जान से जुटे हैं। इन दिनों वो पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। जहां वो ममता बनर्जी को खुली चुनौती दे रहे हैं।
अमित शाह बंगाल में कानून व्यवस्था और हिंसा पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन उन्हें भी मालूम है कि बंगाल में ममता के मैजिक को पीछे छोड़ना बहुत बड़ा चैलेंज है।
सूबे के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी लेकिन बढ़ते वोट बैंक से पार्टी के नेता उत्साहित जरूर नजर आए। लेकिन बीजेपी के सामने कई चुनौतियां मुंह बाए खड़ी है।
- बीजेपी ने 7 नगरपालिका चुनाव में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है
- लिहाजा पार्टी पंचायत चुनावों में पूरा दमखम झोंकने की तैयारी में है
- 2014 की मोदी लहर में बीजेपी 2 लोकसभा सीटें जीतने में कामयाब रही थी
- उसने 17 फीसदी वोट हासिल कर सियासी जानकारों को चौंका दिया था
- लेकिन पार्टी विधानसभा चुनाव में उस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाई
- बीजेपी को विधानसभा चुनाव में 10 फीसदी वोटों के साथ सिर्फ 3 सीटों से संतोष करना पड़ा
कमल खिलाने की उम्मीद लिए बीजेपी के नेता अब क़ानून व्यवस्था का मुद्दा उठाकर ममता सरकार को घेरने में जुटी है। लेकिन आंकड़े कुछ और कहानी बयां कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुकाबले बीजेपी शासित राज्यों में क्राइम का ग्राफ ऊपर है।
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क्या कहते हैं आंकड़े
# 2015 में पश्चिम बंगाल में हत्या के 2096 मामले दर्ज किए गए जबकि मध्य प्रदेश में ये आंकड़ा 2339 जबकि महाराष्ट्र में 2509 थे।
# 2015 में ही पश्चिम बंगाल में रेप की 1199 घटनाएं हुईं जबकि मध्य प्रदेश में 4391 जबकि महाराष्ट्र में 4144 रेप के मामले सामने आए।
# पश्चिम बंगाल में सांप्रदायिक हिंसा की 27 घटनाएं हुईं जबकि मध्य प्रदेश में 92 तो महाराष्ट्र में 105 सांप्रदायिक घटनाएं हुईं।
जाहिर है बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती पश्चिम बंगाल में परचम लहराने की है और इस चुनौती को पार करने के लिए अमित शाह खुद एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
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Source : News Nation Bureau