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CAA पर बीजेपी को मिल सकता है शिवसेना का साथ, 'सामना' ने दिया संकेत( Photo Credit : ANI Twitter)
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी से तनातनी से आगे जाकर शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से मिलकर राज्य में सरकार भले बना ली हो, लेकिन अपने कोर मुद्दों से शिवसेना पीठ दिखाने के मूड में कदापि नहीं है. नागरिकता कानून पर एनसीपी और कांग्रेस के मुखर विरोध के बाद भी शिवसेना अपने रुख पर कायम है. चाहे वह वीर सावरकर का मामला हो या फिर नागरिकता कानून का. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में लिखा है कि देश में पाकिस्तान व बांग्लादेश से आए अवैध मुसलमानों को बाहर कर देना चाहिए.
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इससे पहले भी 'सामना' के संपादकीय के जरिए शिवसेना अपनी राय बेहिचक रख रही है. महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन होने के बाद सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की गई थी. अखबार में लिखा गया था कि उद्धव ठाकरे और मोदी भाई-भाई हैं. सामना ने पीएम मोदी की तारीफ में लिखा था, महाराष्ट्र की राजनीति में भाजपा-शिवसेना में अनबन है, लेकिन नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे का रिश्ता भाई-भाई का है. इसलिए महाराष्ट्र के छोटे भाई को प्रधानमंत्री के रूप में साथ देने की जिम्मेदारी मोदी की है. प्रधानमंत्री पूरे देश के होते हैं, सिर्फ एक पार्टी के नहीं होते.
Today in Shiv Sena's mouthpiece Saamana: Pakistani & Bangladeshi Muslims who have entered the country should be thrown out, there is no doubt about it. pic.twitter.com/kRcCyi5Loo
— ANI (@ANI) January 25, 2020
उद्धव ठाकरे ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए न्योता भी भेजा था. उद्धव ठाकरे ने खुद पीएम मोदी को फोन किया था. हालांकि, पीएम मोदी ने आने में असमर्थता जताते हुए फोन पर ही उद्धव ठाकरे को शुभकामनाएं दीं थीं."
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सामना में यह संपादकीय तब लिखा गया है, जब वरिष्ठ एनसीपी नेता शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र चुनाव में मुसलमानों ने बीजेपी को वोट नहीं दिया. वे उन पार्टियों को वोट देते हैं जो बीजेपी को हरा सकती हैं. चुनावों के दौरान अल्पसंख्यकों ने तय किया था कि किसे हराना है. राज्य में अभी जो भी हम देख रहे हैं, वह उसी के कारण है.
Source : News Nation Bureau