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2014 में नोएडा विधानसभा उप चुनाव के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह का नाम तय हो गया था लेकिन नामांकन देने से पहले उनकी जगह बीजेपी ने विमला बाथम को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया।
बाथम हालांकि चुनाव जीतने में सफल रहीं लेकिन सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह रही कि दूसरी बार राजऩाथ सिंह के बड़े बेटे को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार नहीं बनाया।
2002 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह का नाम वाराणसी के चिरइगांव के लिए विचार किया जा रहा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया। राज्य में इसके बाद तीन बार चुनाव हो चुके हैं और हर बार उनके नाम पर विचार किया गया लेकिन अटकलों के बावजूद उन्हें टिकट नहीं मिला।
राजनाथ सिंह के गाजियाबाद सीट छोड़ने के बाद पंकज यहां से चुनाव लड़ने को इच्छुक थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। 2014 के लोकसभा चुनाव में पंकज ने पिता राजऩाथ सिंह के चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभाई।
पंकज उत्तर प्रदेश बीजेपी में दो बार महासचिव रह चुके है और वह लगातार साहिबाबाद क्षेत्र में प्रचार करते दिखाई देते हैं। माना जा रहा है कि 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में राजनाथ सिंह के दो में किसी एक बेटे को बीजेपी अपना उम्मीदवार बना सकती है।
Source : News Nation Bureau