बिहार में लोकसभा चुनाव से करीब 10 महीने पहले सीटों के बंटवारे को लेकर अब सत्ताधारी जेडीयू और बीजेपी के बीच खींचतान साफ तौर पर नजर आने लगी है। जेडीयू ने सीटों के बंटवारे को लेकर बीजेपी नेताओं के बयान पर उन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को नियंत्रित रहना चाहिए क्योंकि बिना नीतीश कुमार के बिहार में एनडीए की जीत संभव नहीं है।
संजय सिंह ने कहा, 'बीजेपी जानती है कि नीतीश कुमार के बिना बिहार में चुनाव जीतना संभव नहीं है। अगर वह चाहती है कि राज्य में बिना गंठबंधन के लोकसभा चुनाव लड़ें तो इसके लिए सभी 40 सीटों पर लड़ने के लिए आजाद है।'
बीजेपी के नेताओं को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, 'प्रदेश के जो मुख्य नेता खबरों में बने रहते हैं वह नियंत्रण में रहें। साल 2014 और 2019 में काफी अंतर है।'
जेडीयू का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर तीखी बयानबाजी का दौर चल रहा है।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नीतीश के रुख पर लोगों पर नजर टिकी हुई है। आंकड़ों की मानें तो बीजेपी के पास बिहार की 40 सीटों में से सर्वाधिक 22 सीटें हैं। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के पास 7 और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के पास 2 सीटें हैं।
गौरतलब है कि साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू बीजेपी से अलग होकर चुनाव लड़ी थी जिसमें उसे सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी। वहीं बीजेपी ने लोकसमता पार्टी और लोकजनशक्ति पार्टी को साथ लेकर गठबंधन के तहत चुनाव में सबसे ज्यादा सीटों पर उतरी थी। एनडीए को इस चुनाव में 23 सीटों पर जीत मिली थी। बीजेपी ने अकेले अपने दम पर 16 जबकि एलजेपी ने 5 और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी ने 2 सीटों पर कब्जा जमाया था।
हालांकि 2013 में गठबंधन टूटने से पहले जेडीयू बिहार में लोकसभा की 25 जबकि बीजेपी 15 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी। हालांकि अब बताया जा रहा है कि पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों और एनडीए में एलजेपी और आरएलएसपी के शामिल हो जाने के बाद बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व पहले की तरह जेडीयू तो को सीट देने के लिए तैयार नहीं है।
बताया जा रहा है कि जेडीयू 40 में से 25 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है जबकि बीजेपी चाहती है कि वह राज्य में बड़ी पार्टी के तौर पर चुनाव लड़ें।
सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : News Nation Bureau