राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह (Kalyan Singh) ने राम मंदिर (Ram mandir) को लेकर बयान देते हुए कहा कि सभी राजनीतिक दलों को जनता के सामने अपना रूख स्पष्ट करना चाहिए कि वे मंदिर निर्माण के पक्ष में है या नहीं. पांच साल तक राजस्थान में राज्यपाल की भूमिका निभाने के बाद रिटायर हुए कल्याण सिंह ने कहा, 'अयोध्या एक पवित्र स्थान है. राम मंदिर का निर्माण करोड़ों लोगों की भक्ति का विषय है. इसलिए सभी राजनीतिक दलों को लोगों के सामने अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए, यदि वे राम मंदिर निर्माण के पक्ष में है या इसके खिलाफ है.'
बता दें कि अयोध्या भूमि विवाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. 6 अगस्त से इस मामले पर सर्वोच्च अदालत में रोजाना सुनवाई चल रही है, जिसके तहत सप्ताह में पांच दिन ये मामला सुना जा रहा है.
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पांच साल तक सक्रिय राजनीति से दूर रहे कल्याण सिंह राम मंदिर निर्माण और 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. बता दें कि कल्याण सिंह बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाते रहे और उत्तर प्रदेश में बीजेपी का चेहरा माने जाते थे. उनकी पहचान कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता की है. वह उत्तर प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रहे.
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बता दें कि राम मंदिर आंदोलन में कल्याण सिंह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए कल्याण सिंह को जिम्मेदार माना गया था. कल्याण सिंह ने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए 6 दिसंबर, 1992 को ही मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया. लेकिन दूसरे दिन केंद्र सरकार ने यूपी की बीजेपी सरकार को बर्खास्त कर दिया.