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यूपी और उत्तराखंड करेंगे शिवसेना-शिअद की भरपाई, राज्यसभा में बढ़ेगी BJP की ताकत

उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) आसानी से राज्यसभा चुनाव की 10 में से 9 सीटें जीत सकती थी, लेकिन उसने आठ उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.

Updated on: 28 Oct 2020, 09:04 AM

नई दिल्ली:

भारतीय राजनीति में एक मिथ आज तक कायम है कि देश के प्रधानमंत्री का कुर्सी तक रास्ता उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से होकर जाता है. बदलते दौर में यूपी का दबदबा और बढ़ गया है. अब संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा (Rajyasabha) में वर्चस्व की लड़ाई में यूपी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने लगा है. इस लिहाज से देखें तो 9 नवंबर को होने वाले चुनाव की लड़ाई दिलचस्प हो गई है. उत्तर प्रदेश की खाली हो रही 10 सीटों और उत्तराखंड की एकमात्र सीट के लिए 9 नंवबर को मतदान होने हैं. उत्तर प्रदेश में बीजेपी (BJP) आसानी से राज्यसभा चुनाव की 10 में से 9 सीटें जीत सकती थी, लेकिन उसने आठ उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है.

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बसपा भी उतार रही प्रत्याशी
इधऱ समाजवादी पार्टी ने अपने संख्याबल को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव को उम्मीदवार बनाया है और एक निर्दलीय प्रत्याशी प्रकाश बजाज को समर्थन दिया है. बता दें कि प्रकाश बजाज, पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले हैं. यूपी के विधायकों की संख्या के आधार पर बीजेपी के आठ और सपा की एक राज्यसभा सीट पर जीत तय है. बसपा और कांग्रेस अपने विधायकों की संख्या के आधार पर उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने की स्थिति में नहीं है, जिसके चलते बीजेपी 9वीं राज्यसभा सीट भी जीतने की कवायद में जुटी है. ऐसे में बसपा प्रमुख मायावती ने अपना प्रत्याशी उतार दिया है, जिसके चलते अब राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है.

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शिवसेना-अकाली दल की हो जाएगी भरपाई
यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) छोड़ने वाले दो प्रमुख सहयोगियों शिवसेना और अकाली दल के प्रत्येक तीन सीटों की भरपाई करने के लिए पर्याप्त होगा. पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने एनडीए का साथ छोड़ दिया था. फिर राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया था. इसके बाद किसान अध्यादेशों के विरोध में अकाली दल भी बीते दिनों एनडीए से अलग हो गई. पुराने साथियों के साथ छोड़ने से एनडीए भी राज्यसभा चुनाव के इस दौर में बहुमत के निशान को नहीं तोड़ पाएग. 245-सदस्यीय उच्च सदन में बीजेपी ज्यादा से ज्यादा अपना प्रदर्शन 112 से 118 कर सकती है. दूसरी ओर, विपक्ष का आंकड़ा 101 से गिरकर 95 हो जाएगा. राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 है.

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प्रत्याशियों को चाहिए 36 वोट
उत्तर प्रदेश के मौजूदा विधानसभा में अभी 395 (कुल सदस्य संख्या-403) विधायक हैं और 8 सीटें खाली हैं, जिनमें से 7 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. यूपी विधानसभा की मौजूदा स्थिति के आधार पर नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत के लिए हर सदस्य को करीब 36 वोट चाहिए. यूपी में मौजूदा समय में बीजेपी के पास 306 विधायक हैं जबकि 9 अपना दल और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है. वहीं, सपा 48, कांग्रेस के 7, बीएसपी के 18 और ओम प्रकाश राजभर की पार्टी के 4 विधायक हैं. सभी की निगाहें बीजेपी पर हैं कि वो अपने बचे हुए विधायकों का समर्थन किसी प्रत्याशी को सौंपती है या नहीं? अब अगर किसी ने पर्चा वापिस नहीं लिया तो अब 9 नवंबर को यूपी में राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग होगी.