मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) को अपने पाले में करने के बाद अब बीजेपी की नजर राजस्थान पर है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के रणनीतिकार कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) के संपर्क में हैं. बीजेपी अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच सिर फुटौव्वल का फायदा उठाने के मूड में है. हालांकि राज्य कांग्रेस के नेता और मंत्री इस बात को सिरे से खारिज कर रहे हैं.
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राज्य सरकार के मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बीजेपी और टीम सचिन पायलट के बीच संपर्क होने की खबरों का खंडन करते हुए कहा, 'मध्य प्रदेश में जो हुआ, वो दुर्भाग्यपूर्ण था. मेरे पिताजी और सिंधिया परिवार में बहुत नजदीकी रिश्ते थे. सिंधिया जी के जाने का हमें भी दुख है. सचिन पायलट राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री के रूप में बखूबी अपना काम कर रहे हैं. इस तरह की बातें बेबुनियाद हैं.'
दूसरी ओर, दिग्गज कांग्रेसी नेता और पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने बगावती सुर अपनाते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रकरण पर जमकर अपनी भड़ास निकाली. उन्होंने कहा, 'कमलनाथ जी को कहना चाहिए था कि घोषणापत्र पर सुनवाई नहीं हुई, हम साथ मिल-बैठकर काम करेंगे और मैं अकेला नहीं कर सकता हूं, सबका सहयोग लेकर करूंगा. मान-सम्मान तो चाहिए ना? मुझे भी इस प्रकार का जवाब मिलेगा तो मैं भी क्या करूंगा? मैं भी फिर.. मुझे भी कुछ सोचना होगा, मुझे किसी पद की लालसा नहीं है और मैं तैयार बैठा हूं. मैं किसी भी समय पद छोड़ सकता हूं अगर मेरी जनता की सुनवाई नहीं होगी.'
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यहां यह बताना जरूरी है कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने दूसरे प्रत्याशी को भी उतार दिया है. बीजेपी ने राजेंद्र गहलोत के साथ पूर्व विधायक ओंकार सिंह लखावत को भी उतार दिया है. वहीं, कांग्रेस ने राज्यसभा के लिए राजस्थान से केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी को उम्मीदवार बनाया है. कहा जा रहा है कि डांगी को उम्मीदवार बनाए जाने से पायलट गुट के विधायक नाराज हैं. डांगी को सीएम गहलोत का करीबी माना जाता है. राज्यसभा चुनाव में बीजेपी इसी का फायदा उठाना चाहती है.
Source : News Nation Bureau