कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद रविवार को राहुल गांधी ने 'नेशनल हेराल्ड' को दिए अपने इंटरव्यू में अपनी लीडरशिप में पार्टी को नई दिशा देने की रणनीति के बारे में बताया।
राहुल गांधी ने कहा कि वे पार्टी को अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए तैयार करेंगे और पार्टी में नए चेहरों को शामिल करेंगे।
पार्टी संगठन में बड़े बदलाव की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'कांग्रेस को अभी काफी काम करना है। बहुत से ऐसे नए लोग हैं, जिन्हें हमें आगे लाना होगा। कांग्रेस में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, हमें ऐसी प्रतिभाओं को सही जगह देनी है।'
उन्होंने कहा, 'हम देश को कांग्रेस का असली चेहरा दिखाना चाहते हैं। आने वाले दिनों में आप ऐसे लोगों को देखेंगे, जिन्हें देखकर आप उत्साहित हों, जिन्हें देखकर आप कह सकेंगे कि हां, देखो यह व्यक्ति आया है और मैं इसके साथ जुड़ना चाहता हूं। मैं भी ऐसे ही लोगों के साथ जुड़ना चाहता हूं, जो सभ्य हैं, सौम्य हैं और विचारों से मजबूत हैं।'
पार्टी को लोकतांत्रिक बनायेंगे
पार्टी के विस्तार और लोकतांत्रिक बनाने के इरादे पर राहुल गांधी ने कहा, 'हम पार्टी में ज्यादा से ज्यादा नए, युवा, उत्साहित करने वाले और ऊजार्वान लोगों को लाना चाहेंगे। लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि पुराने और अनुभवी लोगों के लिए कोई जगह नहीं होगी।'
राहुल ने बताया कि पार्टी के भीतर होने वाले बदलावों में सदस्यों की सहमति के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने कहा, 'यह कांग्रेस पार्टी की इच्छा है कि वह बदले, विकसित हो..मैं तो सिर्फ इसमें मदद करूंगा।'
मनमोहन- मोदी सरकार की तुलना
राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और पी चिदंबरम के साथ पीएम नरेंद्र मोदी और अरूण जेटली की तुलना करते हुए कहा कि दोनों सरकारों की कैबिनेट में तुलना ही नहीं हो सकती।
उन्होंने कहा 'मनमोहन जी की मोदी जी से तुलना हो या फिर चिदंबरम जी से अरुण जेटली जी की तुलना, मोदी सरकार कहीं नहीं ठहरती। राहुल ने सवाल किया कि मोदी सरकार में क्या कोई मंत्री है जो प्रणब दा के बराबर है?'
या फिर किसी की तुलना एंटनी जी से हो सकती है? जरा देश की विदेश नीति पर गौर करिए। क्या हालत है हमारी विदेश नीति की।'
ऐसे में जब आप इस सरकार को और इसकी नीतियों के देखेंगे, तो पता चलेगा कि इनमें तो कोई दम ही नहीं है।
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देश में डर का माहौल
लोगों में असुरक्षा और भय के माहौल का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'आज देश की मूल समस्या यह है कि हम देश के युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा नहीं कर पा रहे हैं। इससे युवाओं में गुस्सा बढ़ रहा है। पिछले तीन वर्षो में भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी। नोटबंदी और गब्बर सिंह टैक्स यानी जीएसटी ने हकीकत में देश की अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है। छोटे और मझोले कारोबारों और उद्योगों पर टैक्स की भारी मार पड़ी है। ऐसे में देश के लोगों में गुस्से की भावना भर गई है। इसके लिए बुनियादी काम करने पड़ेंगे। इससे पहले कि यह समस्या और गंभीर हो और लोगों का गुस्सा फूटना शुरू हो, इस समस्या का समाधान करना पड़ेगा।'
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गुजरात चुनाव
गुजरात में जातिवादी राजनीति के आरोप पर राहुल ने कहा, 'हार्दिक एक पटेल हैं, जिग्नेश एक दलित हैं और अल्पेश एक ओबीसी। सभी समुदाय कांग्रेस के मंच पर एकजुट हुए हैं। ऐसे में आप हम पर जातीयता का आरोप कैसे लगा सकते हैं। ये सब हमारे मंच पर एक साथ हैं। दूसरी तरफ, पटेल आपसे नाराज हैं, ओबीसी आपसे खफा हैं और दलितों को आप पर गुस्सा है और आप कहते हैं कि आप यह चुनाव ओबीसी मुद्दे पर लड़ेंगे। फिर भी हमारे बारे में कहते हैं कि हम समाज को बांट रहे हैं। यह तो बहुत ही ताज्जुब की बात है।'
बता दें कि शनिवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में औपचारिक तौर पर पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला। इससे पहले पिछले 19 सालों से उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थी।
IANS के इनपुट के साथ
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HIGHLIGHTS
- कांग्रेस सगंठन को मजबूत और लोकतांत्रिक बनाने का काम करेंगे राहुल गांधी
- पार्टी में बदलाव के लिए लाएंगे नए उत्साहित और ऊर्जावान चेहरे
Source : News Nation Bureau