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सुप्रीम कोर्ट में नहीं सुलझा राम मंदिर मुद्दा तो सरकार अन्य विकल्पों पर करेगी विचार: राम माधव

राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने की मांग के बीच बीजेपी महासचिव और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी राम माधव ने स्पष्ट किया है कि अगर कोर्ट में मामले का निपटारा नहीं हुआ तो सरकार अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है.

राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने की मांग के बीच बीजेपी महासचिव और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी राम माधव ने स्पष्ट किया है कि अगर कोर्ट में मामले का निपटारा नहीं हुआ तो सरकार अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है.

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Deepak Kumar
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सुप्रीम कोर्ट में नहीं सुलझा राम मंदिर मुद्दा तो सरकार अन्य विकल्पों पर करेगी विचार: राम माधव

राम मंदिर पर राम माधव का बड़ा बयान

बीजेपी महासचिव और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी राम माधव ने मीडिया से बात करते हुए राम मंदिर, तीन तलाक़, राहुल गांधी का नेतृत्व, एनडीए में दरार और महागठबंधन को लेकर अपनी राय रखी. आइए सिलसिलेवार तरीके से सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी राय जानते हैं.

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राम मंदिर मुद्दा कोर्ट में नहीं सुलझा तो सरकार दूसरे विकल्पों पर करेगी विचार 

राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार द्वारा अध्यादेश लाए जाने की मांग के बीच बीजेपी महासचिव और जम्‍मू-कश्‍मीर के प्रभारी राम माधव ने स्पष्ट किया है कि अगर कोर्ट में मामले का निपटारा नहीं हुआ तो सरकार अन्य विकल्पों पर विचार कर सकती है. राम माधव ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, 'अध्यादेश लाए जाने का विकल्प हमेशा हमारे पास है लेकिन यह मामला फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट ने इस मामलें में 4 जनवरी को सुनवाई की तारीख़ निर्धारित की है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह करेगी और केस को जल्द से जल्द निपटाएगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो फिर हमलोग अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे.' 

राहुल का नेतृत्व कांग्रेस तय करे मैं क्या बोलूं

वहीं 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राम माधव ने कहा, 'राहुल गांधी कांग्रेस के नेता हैं. वे लोग तय करेंगे कि राहुल का नेतृत्व उनके लिए बेहतर है या नहीं? मैं कांग्रेस में उनके नेतृत्व को लेकर क्या बोल सकता हूं. हाल के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रयोग किया है और बदले में उनकी पार्टी को जीत भी मिली है, इसमें कोई शक नहीं है.'

कुशवाहा जैसे छोटे सहयोगी गए तो बड़े आएंगे

हाल ही में RLSP (राष्ट्रीय लोक समता पार्टी) नेता उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए गठबंधन से अलग होने को लेकर माधव ने कहा, 'गठबंधन की राजनीति ठहराव और सामंजस्य की राजनीति है और बीजेपी इसके लिए पूरी तरह से तैयार है. यह सच है कि कुशवाहा जैसे छोटे सहयोगियों ने हमारा साथ छोड़ा है लेकिन हमलोग नए सहयोगियों को साथ जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं ख़ासकर दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में.' 

तीन तलाक क़ानून मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय 

वहीं तीन तलाक़ के मुद्दे को लेकर राम माधव ने कहा, 'पीएम मोदी सरकार का यह ऐतिहासिक क़दम है जिसकी वजह से लिंग न्याय और समानता का मुद्दा लोगों के बीच उठाया जा सका. मुस्लिम समाज के बड़े हिस्से ने मोदी सरकार के इस क़दम का स्वागत किया है. यह बिल मुस्लिम महिलाओं के लिए वरदान है. फ़िलहाल यह बिल संसद में है मुझे उम्मीद है कि दोनों सदनों में इसपर अर्थपूर्ण चर्चा हो पाएगी.'

गौरतलब है कि 27 दिस्मबर को लोकसभा में तीन तलाक़ बिल पर चर्चा होगी. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को पहले ही सदन में उपस्थित रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है.

महागठबंधन में पीएम के 6 उम्मीदवार

राहुल गांधी के पीएम उम्मीदवार को लेकर राम माधव ने कहा, अगर हाल के विधानसभा चुनाव नतीजों की वजह से राहुल पीएम उम्मीदवार हो सकते थे तो फिर महागठबंधन की आवश्यकता ही नहीं होती. आज भी स्टालिन को छोड़कर कोई उन्हें महागठबंधन का नेता मानने को तैयार नहीं है. वहां 6 लोग पीएम उम्मीदवारी की सूची में हैं.  

इमरान अल्पसंख्यक पर ज्ञान दे रहे हैं तो लग रहा है शैतान वेद पढ़ रहा है

जब इमरान ख़ान या पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर बोलता है तो लगता है जैसे शैतान वेद का ज्ञान दे रहा है. आज़ादी के बाद पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 9-10 प्रतिशत थी जो अब 0.5 प्रतिशत से भी कम है. आप भारत में अल्पसंख्यकों की आबादी देखिए कितनी बढ़ी है.

इससे पहले बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी (बीएमएसी) ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की केंद्र सरकार अयोध्या की विवादित भूमि पर राम मंदिर निर्माण बनाने के लिए अध्यादेश लाती है तो वह (बीएमएसी) सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी. बीएमएसी के एक पदाधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा कि बीएमएसी ने यह फैसला मंगलवार को एक बैठक में लिया. यह बात शीर्ष अदालत द्वारा 4 जनवरी को मामले की सुनवाई के पहले कही गई है.

दक्षिणपंथी समूह व राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) अध्यादेश के लिए दबाव बना रहे हैं, जबकि विपक्ष विवादास्पद मुद्दे पर अदालत के फैसले की प्रतीक्षा करने के लिए कह रहा है.

और पढ़ें- लोकसभा चुनाव को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इस बयान से कांग्रेस की उड़ जाएगी नींद

बीएमएसी सदस्यों का यह भी मत है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तीन राज्यों में चुनावी हार, मंदिर मुद्दे को लेकर पैदा किया जा रहा जुनून व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित वरिष्ठ भाजपा नेताओं की मंदिर के समर्थन में बयानबाजी को हल्के में नहीं लिया जा सकता.

Source : News Nation Bureau

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