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भाजपा महासचिव ने जस्टिस काटजू से पूछा- किसके इशारे पर नीरव को बचाने की कोशिश की?

ब्रिटेन की कोर्ट के फैसले के बाद भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने का रास्ता साफ होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने जस्टिस मरक डेय काटजू पर तीखा हमला बोला है.

Updated on: 26 Feb 2021, 11:14 PM

नई दिल्ली:

ब्रिटेन की कोर्ट के फैसले के बाद भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) को भारत लाने का रास्ता साफ होने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव (Bhupender Yadav) ने जस्टिस मरक डेय काटजू पर तीखा हमला बोला है. भाजपा महासचिव ने जस्टिस काटजू (Justice Katju) से पूछा है कि आखिर उन्होंने किसके इशारे पर भगोड़ा कारोबारी को बचाने की कोशिश करते हुए देश के खिलाफ जाकर नीरव मोदी का प्रत्यर्पण रोकने की कोशिश की और इसके लिए उन्होंने ब्रिटेन की कोर्ट में पैरवी की.

दरअसल, जस्टिस काटजू और जस्टिस अभय थिप्से ने ब्रिटेन की कोर्ट में नीरव मोदी के समर्थन में एक्सपर्ट राय रखी थी. जस्टिस काटजू ने भारतीय न्यायपालिका में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए सरकार की तरफ सुझाव की बात कही थी. जस्टिस काटजू ने नीरव मोदी की प्रत्यर्पण रोकने से जुड़ी दलीलों का समर्थन किया था. हालांकि, जस्टिस काटजू की इस बात को यूके के जज सैम गूजी ने जहां खारिज कर दिया, वहीं एजेंडा चलाने को लेकर तीखी आलोचना भी की.

इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस नियुक्त मरक डेय काटजू और पार्टी नेता अभय थिप्से ने उस नीरव मोदी को बचाने की कोशिश की, जिसने भारतीय बैंकों को अरबों का चूना लगाया. ब्रिटेन की अदालत ने उनका भंडाफोड़ किया. क्या राष्ट्र से बड़ा धन है? राहुल गांधी, आपकी चुप्पी उत्तर है. एक अन्य ट्वीट में भूपेंद्र यादव ने सवाल करते हुए कहा, काटजू क्या आप बता सकते हैं कि आप नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध रोकने के लिए देश के खिलाफ क्यों गए? आपने किसके इशारे पर काम किया?

भगोड़े नीरव मोदी को लाया जाएगा भारत, लंदन कोर्ट ने प्रत्यर्पण की दी इजाजत

पंजाब नेशनल बैंक में 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले में भगोड़ा घोषित हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता अब साफ़ हो गया है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने गुरुवार को इस पर फैसला सुना दिया. अदालत ने  फैसला देते हुए कहा कि नीरव मोदी के खिलाफ भारत में एक मामला है जिसका उसे जवाब देना है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव मोदी ने सबूत नष्ट करने और गवाहों को डराने के लिए साजिश रची. कोर्ट ने उसके भारत प्रत्यर्पित किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने कहा कि भारत की न्यायपालिका निष्पक्ष है.