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BJP Kolkata Protest ( Photo Credit : Twitter)
कोलकाता (Kolkata) की सड़कों पर BJP कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़पों के बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय (kolkata high court) ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल (west bengal) में बड़े पैमाने पर विरोध मार्च को लेकर 19 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी है. उच्च न्यायालय ने कोलकाता पुलिस को किसी भी व्यक्ति को "अवैध रूप से" हिरासत में नहीं लेने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न हो. पश्चिम बंगाल के ममता बनर्जी (Mamta banerjee) सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मंगलवार को बीजेपी (BJP) ने नाबन्ना मार्च निकाला था. हालांकि, इस मार्च को लेकर पुलिस ने बीजेपी को इसकी इजाजत नहीं दी थी, लेकिन इसके बाद भी मार्च निकाला गया.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा कथित भ्रष्टाचार के विरोध में हजारों भाजपा कार्यकर्ताओं के सड़कों पर उतरने के बाद कोलकाता के कुछ हिस्से युद्ध के मैदान में बदल गए. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पों के बीच लाल बाजार इलाके में एक पुलिस वाहन को आग लगा दी गई, जबकि संतरागाछी में पथराव किया गया. घटना में कई लोगों के घायल होने की बात कही जा रही है. हावड़ा पुल के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का सहारा लिया.
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कोलकाता के हेस्टिंग्स से विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, राहुल सिन्हा और सांसद लॉकेट चटर्जी सहित बीजेपी के कई नेताओं को हिरासत में लिया गया, क्योंकि वे विरोध मार्च के दौरान संतरागाछी जाने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी गिरफ्तार कर लिया. हिरासत में लिए गए नेताओं को लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय ले जाया गया.