गृह मंत्रालय ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के दौरान खतरे की आशंका का विश्लेषण करने के बाद अब तक उत्तर प्रदेश और पंजाब में भाजपा के 23 उम्मीदवारों और नेताओं को चुनाव खत्म होने तक केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराई है।
सूत्रों ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री एस.पी.एस. बघेल को उत्तर प्रदेश में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा जेड श्रेणी का सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है, जबकि अन्य भाजपा सांसद डॉ. रमेश चंद को एक्स श्रेणी का सुरक्षा कवर दिया गया है।
इसी तरह पंजाब में चुनाव लड़ रहे 21 मौजूदा विधायकों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। इनमें अवतार सिंह जीरा, निमिषा टी. मेहता, जो हाल ही में भाजपा में शामिल हुई हैं, परमिंदर सिंह ढींडसा, सरदार कंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार दीदार सिंह भट्टी, सरदार कंवर वीर सिंह तोहरा, सरदार गुरप्रीत सिंह भट्टी, सरदार हरिओत कमल हैं। सुखविंदर सिंह बिंद्रा को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।
सूत्रों ने अधिकारियों के हवाले से कहा कि भाजपा के कुछ उम्मीदवारों के पास पहले से ही राज्य पुलिस की सुरक्षा है, फिर भी उन्हें केंद्रीय सुरक्षा मुहैया कराई गई है।
इन उम्मीदवारों को यह सुरक्षा घेरा विधानसभा चुनाव तक दिया जाएगा और सुरक्षा जारी रखने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा।
भाजपा नेताओं और उम्मीदवारों को सुरक्षा देने का केंद्र का कदम पिछले साल बंगाल चुनाव के दौरान गृह मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णय जैसा है। इसमें केंद्र सरकार ने चुनाव अवधि के दौरान कई भाजपा नेताओं और उम्मीदवारों को सुरक्षा कवर दिया था और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने के बाद वापस ले लिया था।
गृह मंत्रालय इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और पंजाब के अन्य धार्मिक संगठनों के कुछ नेताओं को वीआईपी सुरक्षा मुहैया करा चुका है।
हाल ही में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के दिल्ली और पंजाब दौरे के दौरान उनके सुरक्षा कवर को भी वाई श्रेणी से जेड श्रेणी में अपग्रेड किया गया है। शेखावत पंजाब में भाजपा के चुनाव प्रभारी हैं।
अकाली दल के युवा विंग के पूर्व नेता परमिंदर सिंह बराड़, मनजिंदर सिंह सिरसा जैसे भाजपा में शामिल होने वाले अन्य नेताओं को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली, जबकि गुरमीत सिंह सोढ़ी की सुरक्षा को वाई श्रेणी से जेड श्रेणी में अपग्रेड किया गया। सोढ़ी भी दिसंबर में सिरसा के साथ भाजपा में शामिल हुए थे।
केंद्र का यह कदम खुफिया एजेंसियों का इनपुट आने के बाद आया है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने पंजाब की चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने के लिए अपने सभी आतंकी विंग को सक्रिय कर दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था के सूत्रों के अनुसार, खुफिया इनपुट से संकेत मिलता है कि आईएसआई प्रायोजित सिख आतंकवादी संगठन पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चुनावी रैलियों को निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं और कुछ महत्वपूर्ण नेताओं या वीआईपी को भी निशाना बनाने की कोशिश कर सकते हैं।
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Source : IANS