बिहार में बोचहा उपचुनाव बना नाक का सवाल, भाजपा, राजद में टक्कर
बिहार में बोचहा उपचुनाव बना नाक का सवाल, भाजपा, राजद में टक्कर
मुजफ्फरपुर:
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बोचहा विधानसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को मतदान होना है। मतदान को लेकर जहां निर्वाचन आयोग पूरी तरह तैयार है, वहीं यह चुनाव राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भाजपा के लिए नाक का सवाल बना हुआ है। इस चुनाव में सीधी टक्कर दोनों दलों के बीच मानी जा रही है लेकिन राजग से अलग हो चुके विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) इस लड़ाई को त्रिकोणात्मक बनाने में जुटा है।इस सीट पर राजद ने जहां निवर्तमान विधायक मुसाफिर पासवान के पुत्र अमर पासवान को प्रत्याशी बनाया है, वहीं राजग ने भाजपा ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी पर दांव लगाया है। इसके अलावा वीआईपी ने यहां से पूर्व मंत्री रमई राम की पुत्री गीता कुमारी को चुनावी दंगल में उतार दिया है।
इस चुनाव में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे हैं। राजग प्रत्याशी के चुनाव प्रचार के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित बिहार के कई मंत्री और केंद्रीय मंत्री इस क्षेत्र का दौरा कर चुनावी प्रचार में हिस्सा ले चुके हैं।
वीआईपी के विधायक मुसाफिर पासवान के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। कहा जाता है कि वीआईपी अपना प्रत्याशी अमर पासवान को बनाना चाहती थी, लेकिन नामांकन पत्र भरने के ठीक पहले अमर ने राजद का दामना थाम लिया और राजद ने उसे प्रत्याशी बना दिया। भाजपा ने पूर्व विधायक बेबी कुमारी को प्रत्याशी बनाया।
बोचहा विधानसभा में जातीय समीकरण पर निगाह डाली जाए तो इस सीट पर मुस्लिम, यादव और भूमिहार मतदाता निर्णायक माने जाते हैं, जबकि पासवान, सहनी, रविदास और कोइरी जातियां परिणाम के प्रभावित करने की क्षमता रखती है।
वीआईपी पार्टी की उम्मीदवार डॉक्टर गीता नौ बार के विधायक रहे रमई राम की बेटी हैं। रमई राम की इस क्षेत्र में अच्छी पकड़ है, जिसका लाभ डॉक्टर गीता को मिलता नजर आ रहा है।
राजद के उम्मीदवार अमर पासवान के साथ जनता की सहानुभूति मिलना तय माना जा रहा है। उनके पिता मुसाफिर पासवान वीआईपी के विधायक थे और उन्हीं के निधन से उपचुनाव हो रहा है। इधर, भाजपा की प्रत्याशी बेबी कुमारी पूर्व में विधायक रह चुकी हैं।
भाजपा को जहां अपने कैडर वोट बैंक पर भरोसा है, वहीं वीआईपी को भरोसा सहनी मतदाताओं पर हैं। इधर, राजद अपने वोटबैंक के भरोसे जीत का दावा कर रही है। कहा जाता है कि भूमिहार जाति के मतदाता भाजपा से नाराज हैं। इधर, भाजपा इन मतादाताओं की नाराजगी से मिल रहे नुकसान की भरपाई करने के लिए वीआईपी के कई पदाधिकारियों को अपने पाले में कर लिया है। एक तरह से देखा जाए तीनों पार्टियां एक दूसरे को जोरदार टक्कर दे रही हैं।
माना जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में चुनावी परि²श्य नहीं बदला तो बिहार की बोचहां विधानसभा सीट पर असली टक्कर भाजपा और राजद के बीच माना जा रहा है, हालांकि वीआईपी इस संघर्ष को त्रिकोणात्मक बनाने में लगी है।
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