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बिहार : भाजपा ने क्षेत्रीय दलों को दी नसीहत, दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति करने वाले अपना कद नापें

बिहार में सत्ताधारी गठबंधन के घटक दलों के नेताओं में जिस तरह हाल के दिनों में बयानबाजी हो रही है, उससे साफ है कि घटक दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच, शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सबसे बड़े दल भाजपा ने अपने सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) सहित अन्य क्षेत्रीय दलों को आइना दिखाते हुए इशारों ही इशारों...

Updated on: 14 Jan 2022, 10:25 PM

पटना:

बिहार में सत्ताधारी गठबंधन के घटक दलों के नेताओं में जिस तरह हाल के दिनों में बयानबाजी हो रही है, उससे साफ है कि घटक दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच, शुक्रवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सबसे बड़े दल भाजपा ने अपने सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) सहित अन्य क्षेत्रीय दलों को आइना दिखाते हुए इशारों ही इशारों में दूसरों के कंधे पर बैठकर राजनीति करने वालों को अपना कद नापने की नसीहत दे दी है।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि क्षेत्रीय दलों ने अमूमन भारत के समाज, राजनीति, राष्ट्र की अस्मिता और गौरव को जितना ठेंस पहुंंचाया है उतना किसी ने नहीं पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल अमूमन या तो परिवार की पार्टियां हैं या फिर निजी पॉकेट की दुकान हैं। अव्वल तो यह कि इनके तथाकथित स्वयंभू राष्ट्रीय नेता है वो सिर्फ एक वैचारिक आडंबर खड़ा करते हैं। इस वैचारिक आडंबर की बुनियाद को ये क्षेत्रीय दल और नेता अपने लिए ऐय्याशी, उगाही, प्रोपोगंडा का माध्यम बनाते हैं और राजनीति के नाम पर सिर्फ गिरोह खड़ा करते हैं।

उन्होंने कहा, बारगेन कर राजनीति करना इनकी आदत में शामिल है। ऐसे राजनीतिक दल अमूमन राष्ट्रीय संदर्भ में किसी न किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल से भी खुद को जोड़ लेते हैं और उनके कंधे पर सवार होकर खुद को ऊंचा एवं बड़ा समझने दिखाने लगते हैं। ऐसे राजनीतिक दलों को अपना कद भी नाप लेना चाहिए और अपने गिरेबान में भी झांकना चाहिए। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि वे किसी खास राजनीतिक दल या उसके नेता के संदर्भ में नहीं कह रहे।

इधर, भाजपा नेता का यह बयान जदयू को अच्छा नहीं लगा। जदयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने भाजपा नेता के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि नेता का कद उसके दल के आकार से नहीं, बल्कि उसके व्यक्तित्व से तय होता है। कर्म अच्छे होंगे तभी लोग आपको महत्व देंगे, वरना जनता धूल चटाने में भी जरा देर नहीं लगाती है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दो दिनों से एक लेखक की सम्राट अशोक को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर भी भाजपा और जदयू के नेता आमने सामने हैं।

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