जब जनवरी 2024 में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा, तब भाजपा अपने इतिहास के सबसे गौरवशाली क्षण का अनुभव करेगी।
राम मंदिर भाजपा के इतिहास में लाभदायक साबित होगा और उस आंदोलन की पराकाष्ठा को भी चिह्न्ति करेगा, जिसने इसे देश में पूर्ण सत्ता तक पहुंचा दिया।
1980 में अस्तित्व में आने के बाद से ही राम मंदिर भाजपा की राजनीति का आधार रहा है और पार्टी ने पिछले दशकों में मंदिर आंदोलन में कुछ अशांत समय का सामना किया है।
2024 में जब राम मंदिर के कपाट खुलेंगे, तब तक सिर्फ भूतल ही बनकर तैयार होगा। वहां रामलला की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी और अगले साल जनवरी में जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
मंदिर ट्रस्ट जनता के लिए इसे खोलने से पहले पूरे मंदिर के तैयार होने का इंतजार नहीं कर रहा है। मंदिर की पहली और दूसरी मंजिल को पूरा होने में एक और साल लगेगा और 71 एकड़ से अधिक का पूरा परिसर 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
बीजेपी चाहती है कि मंदिर अगले साल खुले ताकि लोकसभा चुनाव भगवा रंग में हो सके।
सूत्रों के अनुसार, मंदिर का उद्घाटन, एक बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान से पहले होगा, जिसे हिंदू भावनाओं को बढ़ाने और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए उन्माद पैदा करने के लिए डिजाइन किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, संघ परिवार के अन्य घटक इस भव्य अवसर के लिए एक बिल्ड-अप बनाने के लिए कार्यक्रमों की योजना बना रहे हैं। मंदिर के निर्माण पर 1,800 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जो पूरी तरह से दान से आएंगे।
योगी आदित्यनाथ सरकार को उम्मीद है कि मंदिर खुलने पर तीर्थयात्रियों की संख्या प्रतिदिन लगभग एक लाख भक्तों तक बढ़ जाएगी।
सरकार एक साथ एक नई अयोध्या बनाने की तैयारी कर रही है, जो अपने आप में तीर्थयात्रियों के लिए एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण होगी।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, जब कोई राम मंदिर देखने के लिए अयोध्या आता है, तो हम चाहेंगे कि वे एक नया अत्याधुनिक शहर, नई अयोध्या देखें।
उत्तर प्रदेश सरकार 32,000 करोड़ रुपए की मेगा योजना के साथ अयोध्या को विकसित करने के लिए कमर कस रही है, जिसमें अयोध्या के चेहरे को वैश्विक पर्यटन और आध्यात्मिक गंतव्य में बदलने के लिए 37 एजेंसियों द्वारा निष्पादित 264 परियोजनाएं शामिल हैं।
अयोध्या में राजमार्गों, सड़कों, बुनियादी ढांचे, टाउनशिप, भव्य प्रवेश द्वार, बहुस्तरीय पाकिर्ंग सुविधाओं और एक नए हवाई अड्डे का एक बड़ा नेटवर्क बन रहा है।
लगभग 32,000 करोड़ रुपए की 264 परियोजनाओं के साथ शहर को सजाया जा रहा है।
उनमें से, 22,500 करोड़ रुपए की 143 परियोजनाएं हैं, जिन्हें प्राथमिकता वाली परियोजनाओं के रूप में पहचाना गया है, जिन्हें 2024 तक पूरा किया जाना है।
इस योजना के संबंध में लगभग 10 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन किए गए हैं और अयोध्या के लिए एक विजन 2047 तैयार किया गया है, जो इसे ब्रांड अयोध्या के हिस्से के रूप में एक वैश्विक आध्यात्मिक राजधानी, एक बड़ा पर्यटन स्थल और एक स्थायी स्मार्ट शहर बनाने पर केंद्रित है।
एक फ्री-फील्ड वैदिक टाउनशिप, एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, नई प्रमुख सड़कों का निर्माण और सरयू नदी विकास योजना के साथ-साथ ऐतिहासिक शहर स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट और हेरिटेज वॉक इसका हिस्सा हैं।
भाजपा जाहिर तौर पर चाहती है कि लोग राम मंदिर को देखें, जो एक नई अयोध्या में स्थापित है।
बीजेपी लंबे समय से कहती रही है कि मंदिर राजनीति का नहीं, बल्कि लाखों लोगों की आस्था का है।
5 अगस्त, 2020 से बार-बार होने वाले चुनावों में, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में मंदिर का भूमि-पूजन किया, तो मंदिर राजनीतिक प्रवचन में दिखाई दिया।
भाजपा के शीर्ष नेता यह बताने से नहीं चूके हैं कि किसी और शासन काल में मंदिर नहीं बना।
2024 के आम चुनावों से पहले इसके और बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि मंदिर एक वास्तविकता बन जाता है। साथ ही वर्षों से मंदिर निर्माण को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला बोला जाएगा।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता में आने के बाद से लगभग हर महीने मंदिर स्थल का दौरा किया है और व्यक्तिगत रूप से विकास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
बीजेपी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव की कहानी, जहां सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में थी, वहीं 2024 के आम चुनावों में राम मंदिर बड़ा नैरेटिव बन जाएगा।
यह एक ऐसी बात है, जिससे देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी इनकार नहीं कर सकती है।
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Source : IANS