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जामिया के नए वीडियो पर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा, पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें खबर

राहुल गांधी ने दो दिन पहले पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं की, लेकिन सैन्य बलों के खिलाफ सवाल उठाए.

Updated on: 17 Feb 2020, 03:55 PM

नई दिल्ली:

जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी के हालिया वीडियो फूटेज सामने आए हैं, जिसमें छात्रों के हाथ में पत्थर देखा गया है. इसके बाद अब छात्रों को पीटने व इस घटना में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने के लिए भाजपा ने कांग्रेस और प्रियंका गांधी वाड्रा पर निशाना साधा है. कांग्रेस पर हमला बोलते हुए भाजपा सांसद जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने कहा, देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के पक्ष में लगातार बोलना आज कांग्रेस की नीति बन गई है.

उन्होंने कहा, राहुल गांधी ने दो दिन पहले पुलवामा में शहीद हुए सैनिकों के प्रति कोई संवेदना व्यक्त नहीं की, लेकिन सैन्य बलों के खिलाफ सवाल उठाए. प्रियंका वाड्रा ने भी इस विषय को समझे बिना पुलिस को दोषी ठहराया. कथित वीडियो का जिक्र करते हुए राव ने कहा कि वीडियो दिल्ली पुलिस के पास उपलब्ध है. भाजपा सांसद ने पूछा, मीडिया में जामिया विश्वविद्यालय के कुछ वीडियो चल रहे हैं, जिन पर हम कहते हैं कि दिल्ली पुलिस के पास वे वीडियो हैं. छात्रों के हाथों में पत्थर दिखाई दे रहे हैं, क्या वे छात्र हैं या अराजकता फैलाने के लिए बाहर से आए लोग हैं. अगर ये छात्र हैं तो फिर चेहरे क्यों छिपाए गए हैं?

देश के प्रधान न्यायाधीश द्वारा जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से संबंधित मामलों पर की गई टिप्पणियों का हवाला देते हुए राव ने पूछा कि दंगाइयों के साथ खड़े सभी लोगों को यह बताना होगा कि जब दंगाई कानून को हाथ में लेते हैं तो पुलिस मूकदर्शक बनकर कैसे खड़ी रह सकती है? राव ने कहा कि हम जामिया विश्वविद्यालय और उसके आसपास हुई हिंसक घटनाओं को राजनीतिक रंग देने की कांग्रेस की कोशिशों की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि यह उनका चरित्र है, जो देश की पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए हानिकारक है.

राव ने कहा, देश जानता है कि कैसे सोनिया गांधी कुछ इस्लामिक आतंकवादियों की मौत के बाद रोई थीं, लेकिन उन्होंने उसी बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए पुलिस इंस्पेक्टर के लिए सहानुभूति के कोई शब्द नहीं कहे. प्रियंका वाड्रा वास्तव में उनके नक्शेकदम पर चल रही हैं. जामिया मिलिया इस्लामिया लाइब्रेरी की ताजा कथित फूटेज ने छात्रों की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं और उन्हें भी कठघरे में ला खड़ा कर दिया है.