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बीजेपी ने शिमला में रचा इतिहास
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने 34 सीटों वाले शिमला नगर निगम में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि बीजेपी बुहमत से सिर्फ एक सीट पीछे रह गई। पार्टी ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, निगम पर 26 सालों तक काबिज रहने वाली कांग्रेस के सिर्फ 12 उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं।
साथ ही चार निर्दलीय और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का एक उम्मीदवार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहा। तीन निर्दलीय पार्षदों शारदा चौहान, कुसुम लता और संजय परमार ने कांग्रेस को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। इसका मतलब ये हुआ कि कांग्रेस के पास 15 पार्षदों का समर्थन है, लेकिन बीजेपी के 17 पार्षदों की तुलना में आंकड़े अभी भी उसके पक्ष में नहीं हैं।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'एक निर्दलीय पार्षद के सहयोग से हम अपने महापौर और उप महापौर का निर्वाचन करने जा रहे हैं।' चौथे निर्दलीय पार्षद राजेश कुमार बीजेपी के बागी हैं और उनके पार्टी का समर्थन करने की संभावना है, जिससे बहुमत का आंकड़ा पूरा हो जाएगा।
महापौर पद अनुसूचित जाति की महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है, जबकि उप महापौर पद अनारक्षित है। दोनों पदों का कार्यकाल ढाई साल का है। वर्ष 2012 में माकपा ने महापौर, उप महापौर और साथ ही एक पार्षद की सीट जीती थी। इस प्रकार माकपा ने केवल तीन सदस्यों की बदौलत 25 सदस्यीय सदन में शासन किया था। अधिकांश पार्षद कांग्रेस के थे। नए इलाकों के विलय से पार्षदों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह चुनाव विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए सेमीफाइनल था।
मतदाताओं का जनादेश स्वीकार करते हुए माकपा महापौर संजय चौहान ने कहा, 'हम स्थानीय लोगों की मांगों और मुद्दों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।' मतदान शुक्रवार को हुआ था, जिसमें 91,000 से भी अधिक योग्य मतदाताओं में से करीब 58 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
Source : IANS
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