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पंजाब के लोगों से काम के आधार पर वोट मांगे भाजपा, कैप्टन और ढींडसा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा),कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा और धोखा करार दिया है.

Updated on: 09 Feb 2022, 06:56 PM

NewDelhi:

आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और धुरी से सांसद भगवंत मान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा),कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींढसा द्वारा जारी चुनावी घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा और धोखा करार दिया है. मान ने कहा कि भाजपा एंड टीम के इस घोषणापत्र में किसानों, मजदूरों, व्यापारियों, उद्योगपतियों, छात्रों और युवाओं का कहीं भी जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि चुनाव जीतने के बाद भाजपा नेता अपने चुनावी वादों को "चुनावी जुमला" बताकर उन्हें पूरा करने से मुकर जाते हैं. बुधवार को पार्टी मुख्यालय से जारी बयान में भगवंत मान ने भाजपा,कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा द्वारा विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जारी किए 11 सूत्री घोषणा पत्र को लेकर कई सवाल उठाए. 

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माने ने कहा कि भाजपा के सहयोगी कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 के चुनावों में किसानों का कर्ज (सरकारी बैंकों, आढ़तियों और सहकारी बैंकों का कर्ज) माफ करने का वादा कर पंजाब की सत्ता हासिल की थी. कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा बताए कि मुख्यमंत्री रहते हुए कैप्टन ने किसानों के कर्ज माफी के वादे पर क्या फैसला लिया? मान ने कहा कि कैप्टन ने मुख्यमंत्री रहते हुए औपचारिकता करते हुए 100 रुपए में केवल 5 रुपए ही किसानों का कर्ज माफ किया जो कि किसानों के कुल कर्ज कुछ भाग भी नहीं है. संयुक्त अकाली दल के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा से सवाल करते हुए मान ने कहा कि उनका बेटा परमिंदर सिंह ढींढसा पंजाब का वित्त मंत्री था और ढींढसा साहब खुद भी लंबे समय से केंद्र की एनडीए सरकार में भागीदार रहे, लेकिन ढींढसा परिवार ने पंजाबियों की भलाई और विकास के लिए कुछ नहीं किया.

मान ने भाजपा आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में स्वीमनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू करना,किसानों की आमदनी दोगुनी करना और कर्जमाफी जैसे तमाम वादे कर नरेंद्र मोदी प्रधान मंत्री की कुर्सी पर बैठे थे, लेकिन 7 साल बाद भी मोदी ने न तो कमीशन की रिपोर्ट लागू की न ही किसानों का कर्ज माफ किया और न ही उनकी आय दोगुनी की. इसके उलट बीजेपी सभी फसलों पर एमएसपी देने और एमएसपी पर फसलों की कानूनी खरीद की गारंटी से भागी है. उन्होंने कहा कि भाजपा का किसान विरोधी चेहरा देश के सामने बेनकाब हो गया है, जिसने कॉरपोरेट भागीदारों के फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के खिलाफ तीन काले कानून बनाए थे, जिसके खिलाफ लगभग 700 किसानों को अपने प्राणों की आहुति देनी पड़ी थी.

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मान ने कहा कि केंद्र में काबिज भाजपा की सरकार ने पंजाब के उद्योगपतियों को बर्बाद करने के लिए पड़ोसी राज्यों को औद्योगिक पैकेज दिए, लेकिन आज भाजपा राज्य में औद्योगिक विकास का झूठ बेच रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा गठजोड़ की "समृद्ध गांव" स्कीम का हाल भी "स्मार्ट सिटी" स्कीम और सांसदों द्वारा गांव गोद लेने जैसी तमाम स्कीमों के जैसा ही होगा,क्योंकि भाजपा के शासन में एक भी स्मार्ट सिटी और विकसित गांव नहीं बना. उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि गांव के लोगों के लिए पेश की गई "हेल्दी विलेज्स " स्कीम कब लागू होगी, यह भी बड़ा सवाल है. क्योंकि भाजपा के सात साल के शासन के दौरान पंजाब में एम्स या पीजीआई जैसा एक भी अस्पताल नहीं बना पाया.

भगवंत मान ने सवाल किया कि 2014 में बीजेपी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, बीजेपी बताए कि केंद्र सरकार की एजेंसियों में कितने पंजाबी युवाओं को नौकरी दी गई? उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा गठबंधन युवाओं को वही सपने दिखा रहा है जो नरेंद्र मोदी ने 2014 में देश को और कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में पंजाब के युवाओं को दिखाए थे.

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मान ने कहा कि अगर बीजेपी, कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा ने पंजाब की प्रगति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए कोई बड़ा काम किया है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह पंजाब की जनता से काम के आधार पर वोट मांगें. उन्होंने कहा की जनता ने भाजपा, कैप्टन और ढीडसा समेत कांग्रेस और अकाली दल को आजमा लिया है. इसलिए राज्य के लोग इन सभी पारंपरिक पार्टियों को वोट देने से साफ इंकार कर रहे हैं और आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का बिगुल बजा रहे हैं.