logo-image

कांग्रेस बोली यूनिफॉर्म सिविल कोड देश में नहीं हो सकती है लागू, बीजेपी ने बताया प्रगतिशील कदम

वीरप्पा मोइली ने कहा, ''भारत एक ऐसा देश है जहां कई समुदाय और समूहों के अपने पर्सनल लॉ हैं। ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर पाना असंभव है।''

Updated on: 13 Oct 2016, 11:38 PM

नई दिल्ली:

यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर मुस्लिम संगठनों की ओर से पुरजोर विरोध किए जाने के बाद कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि इसे लागू करना असंभव होगा जबकि भाजपा ने इसे प्रगतिशील कदम बताया है।

पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस के नेता वीरप्पा मोइली ने कहा, ''भारत एक ऐसा देश है जहां कई समुदाय और समूहों के अपने पर्सनल लॉ हैं। ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर पाना असंभव है।''

इस मुद्दे पर बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि विधि आयोग संबंधित पक्षों की राय ले रहा है और इसके आधार पर वह एक राय बनाएगा जिसे सुप्रीम कोर्ट को सौंपा जाएगा।

इसे भी पढ़ेंः जानिए सामान आचार संहिता के किन सवालों पर भड़का हुआ है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

वहीं जेडीयू ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कई राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले धु्रवीकरण का प्रयास कर रही है।

ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि समान आचार संहिता लागू करने से भारत की विविधता और बहुलता खत्म हो जाएगी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार का मुख्य एजेंडा समाज को बांटना है।

इसे भी पढ़ेंः धार्मिक मामलों में दखल है यूनिफॉर्म सिविल कोडः मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और देश के कुछ दूसरे प्रमुख मुस्लिम संगठनों ने आज समान आचार संहिता पर विधि आयोग की प्रश्नावली का बहिष्कार करने का फैसला किया और सरकार पर उनके समुदाय के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया।

इसे भी पढ़ें, लॉ कमीशन के सवालों का जवाब देगी एआईएमआईएम: ओवैसी

दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत के दौरान मुस्लिम संगठनों ने दावा किया कि यदि यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू कर दिया जाता है तो यह सभी लोगों को एक रंग में रंग देने जैसा होगा, जो देश की बहुलता और विविधता के लिए खतरनाक होगा।