भाजपा को हराने के लिए सेक्युलर अलायंस बरकरार रखेगी माकपा
भाजपा को हराने के लिए सेक्युलर अलायंस बरकरार रखेगी माकपा
नई दिल्ली:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ-साथ सेक्युलर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस के सभी दलों के साथ गठबंधन जारी रखने का फैसला किया है।माक्सेर्वादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भाजपा को हराने के लिए अगले एक साल तक फिलहाल कांग्रेस और गठबंधन के अन्य तमाम दलों के साथ चलने का फैसला लिया है। सेक्युलर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव अलायंस में माकपा के सहयोगी दल के तौर पर कांग्रेस, द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) और विदुथालाई चिरुथैगल कच्ची (वीसीके) शामिल हैं।
हालांकि इससे पहले माकपा ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के बाद अब विधानसभा उपचुनाव में अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था। पार्टी ने कांग्रेस से चुनावी गठबंधन को लेकर बातचीत किए बिना ही अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया था।
गौरतलब है कि तमाम राज्यों में कांग्रेस का गठबंधन दूसरे अन्य दलों से एक-एक कर के टूट रहा है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से कांग्रेस गठबंधन टूट गया है। वहीं पश्चिम बंगाल की टीएमसी ने भी कांग्रेस से दूरी बना ली है। ठीक इसी तरह उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस से गठबंधन को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। इसी के मद्देनजर माकपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि केंद्रीय समिति की बैठक में कांग्रेस या अन्य किसी भी पार्टी से फिलहाल गठबंधन तोड़ने की कोई चर्चा नहीं हुई। फिलहाल भाजपा को हराने के लिए माकपा का कांग्रेस और अन्य सेक्युलर पार्टियों का गठबंधन बेहद जरूरी है।
हाल ही में माकपा की तीन दिवसीय केंद्रीय समिति की बैठक राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित की गई थी। बैठक के एजेंडे में आगामी चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस व अन्य दलों से गठबंधन पर पार्टी की क्या नीति रहेगी, ये तय करना भी शामिल था।
सूत्रों के अनुसार, पोलित ब्यूरो में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने को लेकर मतभेद हैं। केरल का गुट बीजेपी के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के साथ वामपंथी नेतृत्व वाले धर्मनिरपेक्ष गठबंधन पर जोर दे रहा है।
पश्चिम बंगाल के नेताओं के गुट का कहना है कि देश के सबसे बड़े विपक्षी दल (कांग्रेस) के बिना कोई भी गठबंधन करना पार्टी के लिए अव्यावहारिक ही साबित होगा। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर और क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग नीति बनाने की जरूरत है। इसी सिलसिले में हाल ही में माकपा पत्रिका चिन्था के एक लेख में, केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने लिखा था कि कांग्रेस विपक्ष की धुरी नहीं हो सकती। सभी राज्यों में, केरल को छोड़कर, कांग्रेस के नेता भाजपा में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ रहे हैं और इसलिए, दोनों के बीच बहुत कम विशिष्ट अंतर है।
इससे पहले अप्रैल 2018 में हैदराबाद में आयोजित पार्टी की 22वीं केंद्रीय समिति की बैठक में भाजपा और कांग्रेस दोनों को समान तौर पर देश के लिए घातक बताया गया था। पार्टी में सभी धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक ताकतों के लिए रैली करने की सहमति हुई थी। संसद के अंदर और बाहर सभी धर्मनिरपेक्ष विपक्षी दलों के साथ एक समझ रखने पर भी सहमति बनी थी। फिर भी इन सब में एक चेतावनी थी कि कांग्रेस पार्टी के साथ कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं हो सकता।
सूत्रों के अनुसार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी को ये तर्क दिए थे कि जिस स्थिति के तहत 2018 में निर्णय लिया गया था, वह नहीं बदली है। बहस को फिर से शुरू करने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि 2019 के आम चुनावों में भाजपा की लगातार दूसरी जीत के बाद दक्षिणपंथ से खतरा और बढ़ गया है, और इसलिए 2018 की लाइन पर चलने की जरूरत है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
-
SRH vs LSG : हेड-अभिषेक का तूफान, हैदराबाद ने 9.4 ओवर में चेज किया 166 का लक्ष्य, लखनऊ को 10 विकेट से रौंदा
-
SRH vs LSG Dream11 Prediction: हैदराबाद और लखनऊ के मैच में ये हो सकती है बेस्ट ड्रीम11 टीम, इसे चुनें कप्तान
-
DC vs RR : कुलदीप-मुकेश कुमार की घातक गेंदबाजी, दिल्ली ने राजस्थान को 20 रनों से हराया
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: क्यों खास है इस वर्ष अक्षय तृतीया? ये है बड़ा कारण
-
Amavasya Ke Totke: दुश्मनों से हैं परेशान या कोई फैला रहा है नेगेटिव एनर्जी, तो आज रात करें ये उपाय
-
Chanakya Niti: चाणक्य के अनुसार क्या है मनुष्य का असली धर्म, यहां जानिए
-
Rajarajeshwar Temple: राजराजेश्वर मंदिर की क्या है खासियत जहां पीएम मोदी ने टेका माथा