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कांगेसी नेताओं के बयानों ने बदल दिया चुनावी माहौल, गदगद भाजपा ने बनाई नई रणनीति

कांगेसी नेताओं के बयानों ने बदल दिया चुनावी माहौल, गदगद भाजपा ने बनाई नई रणनीति

Updated on: 14 Nov 2021, 04:30 PM

नई दिल्ली:

कुछ दिनों पहले तक रैलियों और कार्यकर्मो में भाजपा के तमाम दिग्गज नेता केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज और उपलब्धियों के साथ-साथ अपनी राज्य सरकारों के कामकाज को भी गिनाते नजर आते थे। दूसरी ओर, विपक्षी समाजवादी पार्टी भी कानून व्यवस्था , किसान आंदोलन , एक्सप्रेस वे जैसे मुद्दों को उठाकर विकास के मसले पर भाजपा को घेरती नजर आ रही थे। इसके अलावा, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के तमाम नेता भी भाजपा सरकार के विकास के दावों को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे थे।
विरोधी दलों के इन हमलों के बीच केंद्र सरकार के तमाम नेता और राज्यों में सरकार चला रहे भाजपा के मुख्यमंत्री पार्टी के एजेंडे पर फोकस करने के साथ-साथ लगातार अपने-अपने सरकारों के कामकाज को भी प्रमुखता से बताते नजर आ रहे थे। उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , गोवा और मणिपुर के भाजपाई मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ अन्य मंत्री , चुनाव प्रभारी और तमाम दिग्गज नेता मोदी सरकार के कामकाज के साथ-साथ अपने-अपने राज्यों की उपलब्धियों का बखान करना नहीं भूलते थे। ऐसा लगने लगा था कि चुनाव विकास और इससे जुड़े मुद्दों पर केंद्रित होने जा रहा है, लेकिन कांग्रेसी नेताओं के बयानों ने इस पूरे चुनावी माहौल को बदल दिया।

देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के अपने पिच पर आकर बॉलिंग करने से प्रसन्न भाजपा ने होम ग्राउंड का लाभ उठाकर दनादन छक्के मारने भी शुरू कर दिए। राजनीति की भाषा में कहें तो कांग्रेस नेताओं के हिंदू, हिंदुत्व और भगवान श्रीराम के बारे में दिए गए बयानों ने जैसे ही राजनीतिक माहौल को बदलना शुरू किया, वैसे ही इस बदलाव से गदगद भाजपा ने नई रणनीति बनाकर कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया ।

सलमान खुर्शीद की किताब सनराइज ओवर अयोध्या के विमोचन के अगले ही दिन 11 नवंबर को भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया को प्रेस क्रांफेंस करने को कहा। गुरुवार को इसी प्रेस क्रांफ्रेस में भाटिया ने हिंदुओं को अपमान करने वाले कांग्रेस नेताओं को बर्खास्त करने की मांग सोनिया गांधी से की। इसके अगले दिन शुक्रवार को भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कांग्रेस नेता राशिद अल्वी के बयान वाले एक वीडियो को ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता पर राम भक्तों का अपमान करने का आरोप लगा दिया। इसके कुछ ही घंटों के भीतर हिंदू और हिंदुत्व को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का भी बयान आ गया। शुक्रवार को राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को आगे किया। संबित पात्रा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि चुनावी लाभ के लिए राहुल गांधी हिंदू धर्म पर हमले का प्रयोग कर रहे हैं। शुक्रवार को ही आरएसएस परिवार से जुड़े विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता डॉ सुरेंद्र जैन भी मीडिया के सामने आए। उन्होने आरोप लगाया कि वोट के लालच में तुष्टिकरण की तरफ लौट रहे राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेता हिंदू और हिंदुत्व के साथ-साथ भारत की धरती का भी अपमान कर रहे हैं, जिसकी आत्मा हिंदू धर्म और भगवान राम है। इस बीच केंद्र सरकार के कई मंत्रियों और पार्टी के अन्य दिग्गज नेताओं ने भी विभिन्न माध्यमों का सहारा लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला जारी रखा।

गुरुवार और शुक्रवार के बाद लगातार तीसरे दिन यानि शनिवार को भाजपा ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता, राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ नेता सुधांशु त्रिवेदी को राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए आगे किया। शनिवार को भाजपा मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने यह तक कह डाला कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पहले कांग्रेस के शासन काल में भारत आंशिक रूप से एक मुस्लिम राष्ट्र था। सुधांशु त्रिवेदी यहीं तक नहीं रूके बल्कि उन्होने यह भी कहा कि कांग्रेस के राज में शरिया भारतीय संविधान का हिस्सा था और शरिया कानून को संविधान से ऊपर रखने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को भी संसद में पलट दिया जाता था।

साफ तौर पर नजर आ रहा है कि इस तरह के बयानों के पीछे कांग्रेस की रणनीति चाहे कुछ भी हो लेकिन भाजपा को यह पूरी तरह से सूट कर रहा है। इसलिए भाजपा एक के बाद एक लगातार तीन दिनों तक अपने नेताओं को आगे करके कांग्रेस पर लगातार हमला बोल रही है। कांग्रेस को हिंदुओं की विरोधी पार्टी बता रही है।

भाजपा के स्टैंड के बारे में आईएएनएस से बातचीत करते हुए पार्टी के एक बड़े नेता ने कहा, हम तो अपने कामकाज के आधार पर जनता से वोट मांगने जा रहे थे और आगे भी इसी आधार पर मांगेंगे लेकिन जिस तरह से गांधी परिवार के इशारे पर कांग्रेस नेता और राहुल गांधी स्वयं हिंदुओं को अपमान कर रहे हैं , उसे भला देश का बहुसंख्यक समुदाय कैसे सहन कर सकता है। भाजपा तो सिर्फ देश के बहुसंख्यक समुदाय की भावना को आवाज देने का काम कर रही है और कांग्रेस की इस जहरीली और हिंदुओं के प्रति घृणा भरी विचारधारा का सच देश के लोगों को बताना जरूरी है।

इससे साफ जाहिर हो रहा है कि भाजपा इस मुद्दें को अब कतई छोड़ने नहीं जा रही है और हर मंच से इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस को घेरने की कोशिश करती दिखाई देगी और इसलिए यह कहा जा रहा है कि भाजपा की पिच पर आकर बॉलिंग करने के कांग्रेस के इस फैसले ने देश के चुनावी माहौल को पूरी तरह से बदल दिया है।

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