बहुप्रतीक्षित राम मंदिर (Ram mandir) मामले में फैसले की उल्टी-गिनती शुरू हो गई है. अयोध्या मामले पर पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) 17 नवंबर से पहले फैसला सुना देगी. इस बीच बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को धैर्य बनाए रखने बोला है. सूत्रों की मानें तो राम मंदिर पर बीजेपी प्रवक्ताओं की मीटिंग बुलाई. बैठक में सभी प्रवक्ताओं को राम मंदिर पर धैर्य रखने के लिए बोला गया है. बीजेपी ने प्रवक्ताओं को निर्देश दिया है कि न्यूज चैनलों की डिबेट के दौरान आवेश में ना आए. बीजेपी ने प्रवक्ताओं को तथ्यों के साथ संतुलित बयान देने को कहा है.
इधर,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अयोध्या मामले पर फैसले को लेकर अपने सदस्यों को एडवाइजरी जारी की है. आरएसएस (RSS) ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का फैसला राम मंदिर के पक्ष में आने पर उत्सव मनाएं और सभी सार्वजनिक स्थानों और घरों में दीप जलाएं. इसके साथ ही कहा है कि उत्सव के दौरान दूसरे धर्म की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाए.
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आरएसएस की मानें तो राम मंदिर के निर्माण के लिए अबतक 76 स ज्यादा लड़ाइयां लड़ी गई है. कोर्ट के द्वारा लड़ी जा रही है लड़ाई 77वीं लड़ाई है. इस 77वीं लड़ाई के बाद फैसला पक्ष में आए या विपक्ष में सभी को इसे बड़े दिल से स्वीकार करना चाहिए.
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इधर, अयोध्या के जिला अधिकारी अनुज झा ने एक बड़ा फैसला लिया है. अनुज झा ने कहा है कि अयोध्या मामले को लेकर सोशल मीडिया पर किसी तरह के संदेश या पोस्टर ना शेयर किए जाए. क्योंकि इससे माहौल बिगड़ सकता है. लोगों से कहा गया है कि 28 दिसम्बर तक सोशल मीडिया जैसे कि वाट्सऐप, ट्विटर, टेलिग्राम और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर भगवान को ले किसी भी तरह की अपमानजनक टिप्पणी न करें.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की 40 दिनों तक लगातार सुनवाई चली. शीर्ष अदालत ने 6 अगस्त-16 अक्टूबर 2019 तक अयोध्या मामले की नियमित सुनवाई हुई.