बीजेपी की हुजूराबाद उम्मीदवार एटाला जमुना के पास अपने पति से ज्यादा संपत्ति
बीजेपी की हुजूराबाद उम्मीदवार एटाला जमुना के पास अपने पति से ज्यादा संपत्ति
हैदराबाद:
तेलंगाना के पूर्व मंत्री और हुजूराबाद उपचुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवार एटाला राजेंद्र और उनकी पत्नी एटाला जमुना के पास 35 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। वहीं जमुना अपने पति से ज्यादा अमीर है।जमुना द्वारा विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करते समय चुनाव अधिकारियों को सौंपे गए हलफनामे में यह बात सामने आई है।
पिछले कुछ हफ्तों से अपने पति के साथ चुनाव प्रचार कर रहीं जमुना ने बीजेपी की तरफ से पर्चा दाखिल किया। पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनाव से पहले राजेंद्र की गिरफ्तारी के मामले में एहतियात के तौर पर ऐसा किया गया है।
राजेंद्र को मई में मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव द्वारा राज्य मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था, इन आरोपों के बाद कि उन्होंने अपनी पत्नी, बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के स्वामित्व वाले पोल्ट्री व्यवसाय के लिए मेडक जिले में कुछ किसानों की भूमि पर कब्जा कर लिया था।
राज्य सरकार ने मेडक जिले में किसानों की भूमि और मेडचल मलकाजगिरी जिले में बंदोबस्ती भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए राजेंद्र के खिलाफ दो जांच के आदेश दिए थे।
बाद में उन्होंने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति से इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया था। राजेंद्र जून में भाजपा में शामिल हुए थे।
राजेंद्र की पत्नी ने सोमवार को हुजूराबाद उपचुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। 56 वर्षीय जमुना ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। वह एक व्यवसायी महिला हैं।
जमुना ने अपने हलफनामे में कहा कि उनकी वार्षिक आय 1,33,40,372 रुपये है, जबकि उनके पति की 30,16,592 रुपये है।
हलफनामे के मुताबिक उनके पास 28.68 करोड़ रुपये से ज्यादा की चल संपत्ति है, लेकिन उनके पति के पास सिर्फ 6.20 लाख रुपये की चल संपत्ति है।
जमुना की चल संपत्ति में दो इनोवा वाहन शामिल हैं जबकि राजेंद्र के नाम पर कोई वाहन नहीं है। उसके पास 50 लाख रुपये मूल्य के 1,500 ग्राम सोने के गहने भी हैं। उसने 23.23 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत ऋण दिया है।
उनकी अचल संपत्ति 4.89 करोड़ रुपये है जबकि राजेंद्र के पास 3.62 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।
जमुना पर 4.89 करोड़ रुपये जबकि उनके पति की 3.62 करोड़ रुपये की देनदारी है।
इस बीच, राजेंदर ने आरोप लगाया कि अगर हुजूराबाद उपचुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुआ तो टीआरएस को उसकी जमानत राशि भी वापस नहीं मिलेगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल ने उपचुनाव जीतने के लिए 4,700 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर प्रगति भवन में योजनाएं बना रहे हैं, जबकि वित्त मंत्री टी. हरीश राव उन्हें लागू कर रहे हैं।
राजेंद्र के एक या दो दिन में नामांकन दाखिल करने की संभावना है। इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।
टीआरएस उम्मीदवार गेलू श्रीनिवास यादव पहले ही नामांकन दाखिल कर चुके हैं जबकि कांग्रेस पार्टी ने बालमूर वेंकट को अपना उम्मीदवार बनाया है।
पिछले सप्ताह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम के अनुसार, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर है।
नामांकन पत्रों की जांच 11 अक्टूबर को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 13 अक्टूबर है। मतदान 30 अक्टूबर को होगा जबकि मतगणना 2 नवंबर को होगी। पूरी मतदान प्रक्रिया 5 नवंबर तक पूरी होना है।
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