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Birthday Special : वो काम जिन्‍हें करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को छोड़ किसी ने नहीं दिखाई हिम्‍मत

पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के 6 साल बीत चुके हैं. 6 साल के अपने कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार ने उन कामों को कर दिखाया, जिन्‍हें लगभग असंभव माना जा रहा था. कई ऐसे भी काम हुए जो देश में पहली बार हुए.

Updated on: 17 Sep 2020, 06:28 AM

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार के 6 साल बीत चुके हैं. 6 साल के अपने कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) और उनकी सरकार ने उन कामों को कर दिखाया, जिन्‍हें लगभग असंभव माना जा रहा था. कई ऐसे भी काम हुए जो देश में पहली बार हुए. पीएम नरेंद्र मोदी के उठाए गए कदमों की सफलता-असफलता तो इतिहास तय करेगा, लेकिन इन कामों का बीड़ा उठाकर पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी ऐसी छवि बना ली है, जिनके आगे विरोधी दलों के नेता बौने साबित होते हैं. पीएम मोदी ने अपनी छवि ऐसे नेता के रूप में गढ़ी है, जो बड़े से बड़ा फैसला लेने में भी नहीं हिचकता.

अनुच्‍छेद 370 (Article 370) को हटाना : पिछले साल 5 सितंबर 2019 को देशवासी खुशी से गदगद हो गए, जब गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में घोषणा की कि जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटा लिया गया है. गृह मंत्री की इस घोषणा से देश भर में खुशी की लहर दौड़ गई. पाकिस्‍तान स्‍तब्‍ध रह गया. अनुच्‍छेद 370 के विशेष प्रावधानों के चलते ही पाकिस्‍तान ने वहां उपद्रव फैला रखा था. जम्‍मू-कश्‍मीर के नेता अवाक रह गए. सभी प्रमुख नेताओं को या तो हिरासत में ले लिया गया या फिर नजरबंद कर दिया गया. अब भी कई नेता नजरबंद हैं. महीनों तक वहां इंटरनेट कनेक्‍टिविटी खत्‍म रखी गई, ताकि पाकिस्‍तान इंटरनेट का दुरुपयोग कर कोई खुराफात न फैला सके. अनुच्‍छेद 370 को हटाने के साथ ही मोदी सरकार ने राज्‍य को दो भागों में विभाजित कर दोनों को केंद्र शासित प्रदेश भी बना दिया. लद्दाख को अलग केंद्र शासित राज्‍य बनाया गया.

राम मंदिर (Ram Temple) : पिछले साल 11 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्‍या में राम मंदिर के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. इस साल 5 अगस्‍त 2020 को पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष की सारी आपत्‍तियों को धत्‍ता बताते हुए अयोध्‍या में राम मंदिर के शिलान्‍यास कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया. इस दौरान उन्‍होंने गुप्‍तदान भी किया, जिसका हिंदू धर्म शास्‍त्रों में खास महत्‍व वर्णित किया गया है. वैसे तो राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुप्रीम कोर्ट ने दिया, लेकिन केंद्र सरकार का भी इसमें कम अहम योगदान नहीं है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्‍बल ने अयोध्‍या जमीन विवाद की सुनवाई टालने की मांग की थी ताकि इसका लाभ मोदी सरकार को चुनाव में न मिल सके. लेकिन केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुनय किया कि इस मामले का जल्‍द से जल्‍द निपटारा हो, ताकि वर्षों पुराने इस मामले का समाधान हो सके. उसके बाद विपक्ष ने शिलान्‍यास में जाने को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया, पंडित नेहरू और सोमनाथ मंदिर की दुहाई दी लेकिन पीएम मोदी ने किसी की न सुनी और विधिवत शिलापूजन में शामिल हुए.

सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) : उरी और पठानकोट आतंकी हमलों के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के निर्देश पर भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी लांच पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया. भारत में इससे पहले सर्जिकल स्ट्राइक सिर्फ सुना ही गया था, लेकिन जमीनी स्तर पर कभी इसे अमल में नहीं लाया गया था. भारतीय सेना ने बाद में दावा किया था कि सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान 7 आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के साथ ही 38 आतंकियों को भी मार डाला गया.

नोटबंदी (De-Monetisation) : पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल का यह सबसे आश्‍चर्यजनक फैसला रहा. 8 नवंबर 2016 की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के नोट एक झटके में बंद कर. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसके पीछे कालेधन पर रोक लगाने, नकली नोटों से छुटकारा पाने और आतंकवाद की कमर तोड़ना बताया. हालांकि इस कदम से कालेधन पर लगाम नहीं लग सकी और 99 फीसद से अधिक पैसा वापस फिर से सिस्‍टम में आ गया. विरोधी इस बात को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को घेरते रहते हैं. 500 और 1000 रुपयों के नोट को बंद कर सरकार ने 2,000 के नोट भी बाजार में उतारे.

इजरायल दौरा (Israel Visit) : पीएम नरेंद्र मोदी के शासनकाल में विपक्ष ने जिस बात को सबसे अधिक मुद्दा बनाया, वो है उनका विदेश दौरा. अपने पहले कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी ने दुनिया का कोना-कोना छान मारा. हालांकि उनकी यात्रा के परिणाम अब सामने आ रहे हैं, जब पूरी दुनिया भारत की कूटनीति के आगे नतमस्‍तक है. पीएम नरेंद्र मोदी इजरायल जाने वाले आजाद भारत के पहले पीएम भी बन गए. इससे पहले मुस्‍लिम तुष्‍टिकरण के चलते कोई भी प्रधानमंत्री इजरायल जाने की हिम्‍मत नहीं जुटा पाता था. पीएम नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया को चौंकाते हुए इजराइल पहुंचे और दोनों देशों के रिश्‍तों को नया आयाम दिया. इसके बाद वो फिलिस्‍तीन भी गए.

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) : पीएम नरेंद्र मोदी ने भारतीय योग परंपरा को उस स्‍तर तक पहुंचा दिया, जिसके बारे में शायद इससे पहले कोई सोच पाया होगा. उनकी पहल पर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा. 27 सितंबर, 2014 को पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने की बात रखी. 11 दिसंबर 2014 को यूएन में 177 सदस्य देशों ने 21 जून को योग दिवस मनाने पर मुहर लगा दी. मात्र 90 दिनों में पीएम मोदी के इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से संयुक्‍त राष्‍ट्र ने पारित कर दिया, जो यूएन में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय का रिकॉर्ड है.

हर गांव में बिजली (Electricity To Every Village) : 15 अगस्‍त 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से भाषण के दौरान अगले 1,000 दिन में देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने की बात कही थी. 29 अप्रैल 2018 को उन्‍होंने ट्वीट कर बताया कि देश के हर गांव में बिजली पहुंचा दी गई है. प्रधानमंत्री ने बताया था कि देश के 5,97,464 गांवों में मणिपुर के सेनापति जिले का लीसांग गांव वो आखिरी गांव है जहां 28 अप्रैल को बिजली पहुंचाई गई. हर गांव में बिजली मुहैया कराने के लिए मोदी सरकार ने दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की थी.

जन-धन योजना (Jan-Dhan Yojna) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब परिवार तक बैंकों को पहुंचाने के लिए 28 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना की शुरुआत की थी. योजना की खास बात यह रही कि पहले ही दिन 1.5 करोड़ बैंक खाते खोल लिए गए.

विदेशों में मेगा शो (Mega Show in Abroad) : विदेशों में जलसा करने वाले नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री बने. पीएम नरेंद्र मोदी जिस देश में गए, वहां प्रवासी भारतीयों का सम्‍मेलन किया. उन्‍हें उत्‍साहित किया. अपने गांव, अपनी मिट्टी की याद दिलाई और देश के लिए कुछ करने का जज्‍बा जगाया. पीएम मोदी के दौरे से पहले शायद ही किसी भारतीय प्रधानमंत्री का विदेशी दौरान मीडिया में इतना छाया रहता हो. पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे बड़ा शो अमेरिका के ह्यूस्‍टन में 'हाउडी मोदी' रहा. इस शो में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने आश्‍चर्यजनक रूप से शिरकत किया. ह्यूस्‍टन से पहले पीएम मोदी न्यूयॉर्क, ब्रिसबेन, दुबई और लंदन समेत दुनिया के कई बड़े और खास शहरों में भव्य स्तर पर कार्यक्रमों को संबोधित कर चुके थे. इन आयोजनों ने उन्‍हें ग्‍लोबल लीडर के रूप में स्‍थापित कर दिया है.