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बंगाल: बीरभूम में हिंसा प्रभावित जगह पहुंचेंगी ममता बनर्जी, रामपुरहाट और बोगतुई गांव का करेंगी दौरा

ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘यह हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस की कोशिश है.

Updated on: 24 Mar 2022, 11:35 AM

highlights

  • हिंसा प्रभावित जगह पर जाएंगी ममता बनर्जी
  • विपक्षी पार्टियों पर लगाए राजनीति करने के आरोप
  • हिंसा में 8 लोगों को जिंदा जला दिया गया था

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal CM Mamata Banerjee) आज बीरभूम जिले में हिंसा प्रभावित बोगतुई गांव (Violence-hit Birbhum District) पहुंचेंगी. जहां मंगलवार को कथित तौर पर कुछ मकानों में आग लगा दी गई, जिसमें आठ लोगों की जल कर मौत हो गई. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, ‘यह हमारी सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा, वाम दलों और कांग्रेस की कोशिश है. बीरभूम की घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल से संबंध रखते हों.’ ममता बनर्जी पहले रामपुरहाट जाएंगी, वहां से वो हिंसा प्रभावित बोगतुई गांव तक जाएंगी. इस बीच, बीजेपी ने केंद्रीय एजेंसियों से जांच कराने की मांग की है. 

पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) ने बुधवार को जोर देते हुए कहा कि बीरभूम जिले में हिंसा (Birbhum incident) के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने थाना प्रभारी, उपसंभागीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया है. पुलिस महानिदेशक कल से ही जिले में हैं. ’ मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान यह भी कहा कि उन्हें जिले का अपना दौरा एक दिन के लिए स्थगित करना पड़ा क्योंकि वहां पहले से जुटे हुए अन्य राजनीतिक दलों के साथ वह नहीं उलझना चाहती थीं. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता घटनास्थल पर जाते समय ‘लंगचा’ (पड़ोसी बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ क्षेत्र में बनने वाली मिठाई) का स्वाद लेने के लिए रुक गए.

ममता ने अन्य राज्य में हिंसा की पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को असम में हवाईअड्डे पर रोक दिया गया था, जहां वे एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक पंजी) का विरोध करने गये थे. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को उत्तर प्रदेश में हाथरस और उन्नाव (जहां सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हुई थी) में प्रवेश करने की अनुमति भी नहीं दी गई थी, लेकिन उनकी सरकार ने ऐसा कभी नहीं किया.

क्या है पूरा मामला?

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में टीएमसी नेता की हत्या के बाद भीड़ ने हमला बोल दिया और 10-12 घरों में आग लगा दी. इस दिल दहलाने वाले घटनाक्रम में 8 लोगों की जिंदा जल कर मौत हो गई. अब तक 7 शव निकाले जा चुके हैं. पुलिस ने बताया कि ये दिल दहलाने वाला मामला सोमवार शाम से शुरू हुआ, जिसमें सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के पंचायत स्तर के स्थानीय नेता और उप प्रधान भादू शेख की बम मार कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पूरी वारदात को अंजाम दिया और विरोधी पक्ष के घरों पर हमला बोल दिया. इस हत्या का आरोप राजनीतिक विपक्षी पर लगा था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. लेकिन इसके बाद गुस्साई भीड़ ने रामपुरहाट के बागुटी गांव पर हमला बोल दिया. उन्होंने घरों में आग लगा दी. हमला भादू शेख से जुड़े हुए लोग थे.

दर्जनभर घरों को जलाया, बच्चों तक को नहीं छोड़ा

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भादू शेख (Bhadu Sheikh) बीरभूम जिले रामपुरहाट (Rampurhat) में आने वाले बरोसल (Barosal village) गांव के उप प्रधान थे. उनको सोमवार रात बम हमला कर मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद भीड़ ने विरोधी पक्ष के घरों पर हमला बोल दिया. पुलिस ने बताया कि भीड़ ने बगुती गांव में एक दर्जन से अधिक घरों को आग के हवाले कर दिया, जिसमें कम से कम 8 लोग जिंदा जल गए. इनमें से 7 लोगों के शवों को निकाल लिया गया है. हालांकि बुरी तरह से जल जा की वजह से शवों की पहचान नहीं हो पा रही है. इनमें से अधिकांश बच्चे हैं.