त्रिपुरा हाईकोर्ट सीएम की कथित अदालत की अवमानना वाली टिप्पणी पर आगे नहीं बढ़ेगा

त्रिपुरा हाईकोर्ट सीएम की कथित अदालत की अवमानना वाली टिप्पणी पर आगे नहीं बढ़ेगा

त्रिपुरा हाईकोर्ट सीएम की कथित अदालत की अवमानना वाली टिप्पणी पर आगे नहीं बढ़ेगा

author-image
IANS
New Update
Biplab Kumar

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

त्रिपुरा उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब की कथित टिप्पणी अदालत की अवमानना से डरना नहीं है के खिलाफ आगे बढ़ने से इनकार कर दिया।

Advertisment

जब वकीलों के एक समूह ने मुख्यमंत्री के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणियों के लिए कार्रवाई की मांग की तो उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अकील कुमार कुरैशी और न्यायाधीश सत्य गोपाल चट्टोपाध्याय ने त्रिपुरा के महाधिवक्ता सिद्धार्थ शंकर डे द्वारा अदालत के समक्ष प्रस्तुत मुख्यमंत्री के बयान की जांच के बाद मामले को भंग कर दिया।

वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम रॉय बर्मन के नेतृत्व में वकीलों ने इस मुद्दे पर जांच की मांग की, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इस दावे को खारिज कर दिया।

मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक अकाउंट में एक बयान पोस्ट करते हुए कहा कि 25 सितंबर को उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था।

मुख्यमंत्री ने बयान में कहा, मैं ²ढ़ता से और स्पष्ट रूप से स्पष्ट करता हूं कि मैं सभी न्यायिक संस्थानों को सर्वोच्च सम्मान में रखता हूं और न्यायपालिका की महिमा को बनाए रखने के लिए भी कर्तव्य बाध्य हूं। मैंने अधिकारियों को नहीं बताया है या यहां तक कि अदालतों की अवहेलना या अदालत के आदेशों का अनादर करने के लिए कोई संदेश देने का इरादा नहीं है, जैसा कि रिपोर्ट किया गया है। मेरे शब्दों को संदर्भ से बाहर प्रकाशित किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश के फैसले से पहले महाधिवक्ता डे ने लगभग इसी तरह का बयान पीठ के समक्ष पेश किया और अदालत को बताया कि मुख्यमंत्री के बयान की गलत व्याख्या की गई थी। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री के बयान के स्क्रीनशॉट भी कोर्ट में पेश किए गए।

एक अनधिकृत वायरल वीडियो के अनुसार, मुख्यमंत्री ने शनिवार को त्रिपुरा सिविल सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन के 26वें द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कथित तौर पर कहा कि वह अधिकारियों के खिलाफ अवमानना के मामलों से निपटेंगे।

देब ने कथित तौर पर कहा, वायरल वीडियो के अनुसार, अदालत आदेश दे सकती है लेकिन, पुलिस को अदालत के आदेश का पालन करना चाहिए, लेकिन पुलिस मेरे नियंत्रण में है। अधिकारियों को सेवाएं प्रदान करते समय अदालत की अवमानना के बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।

विभिन्न सोशल मीडिया में वीडियो प्रसारित होने के बाद इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक और गैर-राजनीतिक हलकों में व्यापक रूप से बहस हुई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment