भारतीय सेना ने अपने प्रमुख जनरल विपिन रावत के बायन का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी राजनैतिक या धार्मिक बात नहीं की। जनरल रावत ने एक सेमिनार के दौरान असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के तेजी से उभार को लेकर बयान दिया था।
सेना ने बयान जारी कर कहा, 'कुछ भी राजनीतिक और धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने 21 फरवरी 2018 को डीआरडीओ भवन में नॉर्थ-ईस्ट के मसले पर आयोजित सेमिनार में सिर्फ एकीकरण और विकास की बात की।'
इससे पहले बुधवार को एक सेमिनर को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा था, 'एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ।'
इसके लिये उन्होंने बांग्लादेश से अवैध तरीके से भारत में भारी संख्या में आ रहे लोगों को एआईयूडीएफ के बढ़ते मुस्लिम समर्थकों की संख्या के लिये जिम्मेदार ठहराया है।
और पढ़ें: नीरव मोदी को पीएनबी का जवाब, कहा- रकम लौटाने की ठोस योजना बताएं
सेना ने कहा है कि जनरल रावत के बयान में कुछ भी विवादास्पद नहीं है उन्होंने सिर्फ विकास और एकीकरण की बात की है।
जनरल रावत ने कहा था कि उत्तर-पूर्व में मुस्लिम शरणार्थियों का आना 'प्रॉक्सी गेम' का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'हमारा पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) उत्तरी सीमा पर स्थित पड़ोसी (चीन) की मदद से इस इलाके को अशांत करना चाहता है।'
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Source : News Nation Bureau
सेना ने किया जनरल रावत का बचाव, कहा- बयान में कुछ भी पॉलिटिकल या धार्मिक नहीं
भारतीय सेना ने अपने प्रमुख जनरल विपिन रावत के बायन का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी राजनैतिक बात नहीं की।
सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत (फोटो- IANS)
भारतीय सेना ने अपने प्रमुख जनरल विपिन रावत के बायन का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी राजनैतिक या धार्मिक बात नहीं की। जनरल रावत ने एक सेमिनार के दौरान असम में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के तेजी से उभार को लेकर बयान दिया था।
सेना ने बयान जारी कर कहा, 'कुछ भी राजनीतिक और धार्मिक बात नहीं की गई। सेना प्रमुख ने 21 फरवरी 2018 को डीआरडीओ भवन में नॉर्थ-ईस्ट के मसले पर आयोजित सेमिनार में सिर्फ एकीकरण और विकास की बात की।'
इससे पहले बुधवार को एक सेमिनर को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा था, 'एक पार्टी है एआईयूडीएफ, अगर आप देखें तो बीजेपी का इतने वर्षों में जितना विस्तार हुआ, उसके मुकाबले एआईयूडीएफ का तेजी से विस्तार हुआ।'
इसके लिये उन्होंने बांग्लादेश से अवैध तरीके से भारत में भारी संख्या में आ रहे लोगों को एआईयूडीएफ के बढ़ते मुस्लिम समर्थकों की संख्या के लिये जिम्मेदार ठहराया है।
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सेना ने कहा है कि जनरल रावत के बयान में कुछ भी विवादास्पद नहीं है उन्होंने सिर्फ विकास और एकीकरण की बात की है।
जनरल रावत ने कहा था कि उत्तर-पूर्व में मुस्लिम शरणार्थियों का आना 'प्रॉक्सी गेम' का हिस्सा है। उन्होंने कहा, 'हमारा पश्चिमी पड़ोसी (पाकिस्तान) उत्तरी सीमा पर स्थित पड़ोसी (चीन) की मदद से इस इलाके को अशांत करना चाहता है।'
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