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जानिए ऐसे सीएम के बारे में जिसने राम मंदिर के लिए दे दिया था इस्तीफा

कल्याण सिंह को राष्ट्रवादी, हिन्दुत्व वादी के रूप में जाना जाता है . कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था.

Updated on: 09 Jul 2021, 07:54 PM

highlights

  • कल्याण सिंह भारतीय राजनीतिज्ञ हैं
  • पूर्व राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं

नई दिल्ली:

कल्याण सिंह भारतीय राजनीतिज्ञ हैं. वे पूर्व राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं. इससे पहले वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. वह दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्हें 26 अगस्त 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. कल्याण सिंह को राष्ट्रवादी, हिन्दुत्व वादी के रूप में जाना जाता है . कल्याण सिंह का जन्म 6 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुआ था. उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था. कल्याण सिंह जून 1991 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद उन्होंने इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये 6 दिसम्बर 1992 को मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया.

सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने

बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कल्याण सिंह 1993 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अत्रौली और कासगंज से विधायक निर्वाचित हुये. चुनावों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरा, लेकिन मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी-बहुजन समाज पार्टी ने गठबन्धन सरकार बनायी. विधान सभा में कल्याण सिंह विपक्ष के नेता बने. कल्याण सिंह सितम्बर 1997 से नवम्बर 1999 तक दोबारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.

21 अक्टूबर 1997 को बसपा ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया

21 अक्टूबर 1997 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया. कल्याण सिंह पहले से ही कांग्रेस विधायक नरेश अग्रवाल के सम्पर्क में थे और उन्होंने तुरन्त शीघ्रता से नयी पार्टी लोकतांत्रिक कांग्रेस का गठन किया और 21 विधायकों का समर्थन दिलाया. इसके लिए कल्याण सिंह ने नरेश अग्रवाल को ऊर्जा विभाग का कार्यभार सौंपा.

दिसम्बर 1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़

दिसम्बर 1999 में कल्याण सिंह ने पार्टी छोड़ दी और जनवरी 2004 में दोबारा भारतीय जनता पार्टी से जुड़े. साल 2004 के आम चुनावों में कल्याण सिंह ने बुलन्दशहर से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव लड़ा. साल 2009 में कल्याण सिंह दोबारा भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दिया और एटा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय सांसद चुने गये.

4 सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली

कल्याण सिंह ने 4 सितम्बर 2014 को राजस्थान के राज्यपाल पद की शपथ ली. कल्याण सिंह को जनवरी 2015 में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था.