आखिर सरकार क्यों बढ़ाना चाहती है लड़कियों की शादी की उम्र? कानून बना तो होंगे ये फायदे

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से यह संकेत दिया था कि आने वाले समय में लड़कियों की शादी की उम्र संबंधी कोई कानून लाया जा सकता है

15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से यह संकेत दिया था कि आने वाले समय में लड़कियों की शादी की उम्र संबंधी कोई कानून लाया जा सकता है

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Mohit Sharma
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girls marriage age

girls marriage age( Photo Credit : सांकेतिक ​तस्वीर)

केंद्र सरकार ने लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से 21 साल किए जाने संबंधी बिल लोकसभा में पेश कर दिया है. लोकसभा में पास होने के बाद यह बिल संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में पेश किया जाएगा. दोनों सदनों से पास होने के बाद यह राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए जाएगा और फिर देश में एक ऐसा कानून होगा, जहां 21 साल से पहले लड़कियों की शादी करना कानून अपराध होगा. इसके साथ ही देश में लड़कियों की शादी की उम्र को लेकर एक नई बहस भी शुरू हो गई है. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कुछ विपक्षी दलों ने सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. सरकार का दावा है कि यह कानून आ जाने से लड़कियों को काफी फायदा होगा...ऐसे में हम आज आपको इस बिल से जुड़े कुछ ऐसे तथ्य बताएंगे, जिसमें आपको पता चलेगा कि इस कानून के आ जाने से लड़कियों को कौन कौन से फायदे हो सकते हैं. 

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दरअसल, भारत में महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल 1978 में की गई थी. अब केंद्र ने इस उम्र को बढ़ाकर 21 साल करने का फैसला किया है. सरकार का दावा है कि इस कानून के आ जाने से लड़कियों के पोषण, हेल्थ, आर्थिक और एजुकेशनल स्थित में काफी सुधार आएगा. एक्सपर्ट्स का तो यहां तक कहना है कि मौजूद कानून में विवाह की उम्र में सुधार के बावजूद भी काफी कुछ शेष रह जाता है. आपको बता दें कि 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से यह संकेत दिया था कि आने वाले समय में लड़कियों की शादी की उम्र संबंधी कोई कानून लाया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश में महिलाओं को जब भी मौका मिला है, उन्होंने राष्ट्र को मजबूत करने में अपना योगदान दिया है. इस दौरान उन्होंने बेटियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि बेटियों को अगर कुपोषण से बचाना है तो उनके विवाह की उम्र में सुधार किया जाना चाहिए. 

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लड़कियों की शादी के उम्र से जुड़े मसले पर सरकार ने एक कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में समता पार्टी की अध्यक्ष जया जेटली, नीति आयोग के डॉ. विनोद पॉल समेत कई मेंबर्स रखे गए थे. इसमें लड़कियों की शादी की उम्र से लेकर, मां के स्वास्थ्य, चिकित्सा कल्याण और पोषण संबंधी कुछ मामलों में जांच किया जाना प्रस्तावित था. इसके साथ ही कुल प्रजनन दर, शिशु मृत्यु दर और माृत मृत्यु दर आदि बिंदुओं को भी शामिल किया गया था. 

Source : News Nation Bureau

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