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त्रिपुरा में सामने आया रैगिंग का मामला, इस राज्य के छात्रों को बनाया निशाना

इस मामले पर एसपी ने हस्तक्षेप किया है और बच्चों को वापस भेजने के लिए प्राचार्य से बातचीत की है.

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yogesh bhadauriya
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त्रिपुरा में सामने आया रैगिंग का मामला, इस राज्य के छात्रों को बनाया निशाना

रैगिंग का है पूरा मामला

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सरकार की तमाम कार्रवाई के बाद भी त्रिपुरा के नवोदय विद्यालय में सीनियर छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों को पीटे जाने का एक ताजा मामला सामने आया है. सभी बच्चे बिहार के सारण (Saran) के रहने वाले हैं. इस मामले पर एसपी ने हस्तक्षेप किया है और बच्चों को वापस भेजने के लिए प्राचार्य से बातचीत की है. एसपी की पहल के बाद बच्चों का सम्पर्क परिजनों से हुआ और उन्होंने खुद को सुरक्षित बताया है. सभी बच्चे सारण के दरियापुर देवती नवोदय विद्यालय से माइग्रेट किए गए थे. नियम है कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान के तहत अलग-अलग नवोदय विद्यालयों में बच्चे भेजे जाते हैं और वहां के बच्चे बुलाए जाते हैं, इसी क्रम में सारण जिले के दरियापुर देवती नवोदय विद्यालय कक्षा नौवीं के छात्रों को त्रिपुरा नवोदय विद्यालय में माइग्रेट किया गया था.

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क्या है आरोप

शनिवार की रात विद्यालय में आठ छात्रों के साथ सीनियर छात्रों ने रैगिंग की. उन सभी को कमरे में बंद कर रॉड और बेल्ट से बेरहमी से पीटा गया. बेसुध होने और चिल्लाने पर वहां शिक्षक पहुंचे और इसकी जानकारी मिलने पर त्रिपुरा की पुलिस भी पहुंची और जांच की. इस सूरत में सारण जिले के इन छात्रों के अभिभावकों ने सारण एसपी से मिलकर बच्चों को सलामत घर बुलाने की मांग की.

एसपी ने की मामले में हस्तक्षेप 

एसपी के हस्तक्षेप के बाद त्रिपुरा नवोदय विद्यालय प्रबंधन बच्चों को वापस भेजने की कवायद में जुट गया है. रिविलगंज नावादा गांव निवासी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि उनके पुत्र शोभित राज की वहां के सीनियर छात्रों ने बेरहमी से पिटाई की है, जिससे वह बुरी तरह से घायल है. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वहां पर कई बार घटना घट चुकी है, जिसको लेकर सारण के डीएम को कुछ दिन पहले अभिभावकों ने ज्ञापन देकर अवगत कराया था.

नेवाजी टोला निवासी अभिषेक के पुत्र जय कुमार को भी बेरहमी से पीटा गया है. रैगिंग की इस घटना को रोकने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने पर वहां की सरकार से कार्रवाई की मांग की गई है. एसपी हर किशोर राय ने बच्चों के परिजनों से शिकायत मिलने के बाद विद्यालय के प्राचार्य से बात की जिसके बाद विद्यालय प्रबंधन ने बच्चों को वापस भेजने की सहमति दे दी है.

Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो

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