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बिहार: औरंगाबाद सांप्रदायिक हिंसा के बाद निषेधाज्ञा जारी, सीआरपीएफ के अतिरिक्त दल उतारे जाएंगे

रविवार शाम को औरंगाबाद के नवाडीह कॉलोनी में उस वक्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब दंगाईयों ने 20 से अधिक दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया और पत्थरबाजी की।

Updated on: 27 Mar 2018, 11:53 AM

highlights

  • सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दिया है
  • जिले में इंटरनेट सेवा को भी 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया था
  • मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दिया जाय

पटना:

बिहार के औरंगाबाद में राम नवमी पर हुए सांप्रदायिक हिंसा के बाद वहां पर निषेधाज्ञा जारी कर दिया गया है।

रविवार शाम को औरंगाबाद के नवाडीह कॉलोनी में उस वक्त तनाव की स्थिति पैदा हो गई जब दंगाईयों ने 20 से अधिक दुकानों को भी आग के हवाले कर दिया और पत्थरबाजी की।

इसके बाद दोनों समुदायों की तरफ से हथियार चलाए गए और पत्थरबाजी की गई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है। वहां पर हुई हिंसा की ताज़ा वारदात में दर्जनों दुकानें आग में जलकर खाक हो गईं।

हिंसा की घटना के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए औरंगाबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तीन अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया जाएगा।

औरंगाबाद जिला मैजिस्ट्रेट राहुल रंजन माहीवाल ने कहा कि रामनवमी का जुलूस निकाले जाते समय दोनों तरफ के लोग हथियार चलाने और पत्थरबाजी करने में शामिल थे, जिसमें कई लोग घायल हो गए और दर्जनों दुकानों में आग लग गई।

उन्होंने बताया, 'हमने सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा जारी कर दिया है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बरकरार है।'

रिपोर्ट के अनुसार, ओल्ड जीटी रोड में दंगाईयों ने जामा मस्जिद के पास स्थित करीब 50 दुकानों को जला दिया, वहीं बदमाशों के द्वारा पत्थरबाजी में 20 पुलिसकर्मियों सहित करीब 60 लोग घायल हो गए।

सोमवार को भी कई इलाकों में तनाव की स्थिति बनी रही, जिले में इंटरनेट सेवा को भी 24 घंटे के लिए बंद कर दिया गया था।

औरंगाबाद में हुए दंगे को लेकर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि वहां पर पिछले कई घंटे से दंगा जारी है और एक समुदाय के लोगों की दुकानें जलाई जा रही हैं वहां पर कर्फ्यू लगाया जाना चाहिये।

तेजस्वी ने ये आरोप तब लगाए जब राज्यमंत्री विजेंद्र यादव गृह विभाग को बजट में दिये गए प्रावधानों के बारे में जानकारी दे रहे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सदन का उपयोग अफवाहों को बढ़ावा देने के लिये नहीं किया जाना चाहिये।

उन्होंने कहा कि राम नवमी कुछ जगहों को छोड़कर सभी जगहों पर शांतिपूर्ण तरीके से निपट गई और औरंगाबाद में किसी कर्फ्यू या पुलिस फायरिंग की जानकारी नहीं मिली है।

उन्होंने कहा, 'अगर आप (तेजस्वी) अफवाहों को सदन में इस तरह से हवा देंगे तो माहौल खराब होगा... इस तरह की बात मत करिये।'

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उन्होंने कहा, 'अगर कोई स्थानीय मुद्दा है और उसे आप राज्य स्तर पर सदन के माध्यम से बनाना चाहते हैं तो माना जाएगा कि आप भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं... हम सभी को शांति बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिये।'

उन्होंने कई बार तेजस्वी यादव को 'बाबू' कहते हुए कहा कि उनको अभी लंबी राजनीति करनी है और उन्हें अभी सीखना चाहिये।

इसके बाद उन्होंने आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की तरफ देखते हुए पूछा, 'कोई इन्हें कुछ सिखाता क्यों नहीं है?'

उन्होंने कहा, 'हम सभी, डीजीपी और गृह सचिव समेत संबद्ध लोगों से बात कर रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों को वहां पर भेजा गया है ताकि स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सके।'

औरंगाबाद की घटना के साथ राज्य के कई और जिलों गया, कैमूर और सिवान में भी झड़प की घटनाएं सामने आई।

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