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बिहार NDA में बढ़ी दरार, शरद यादव से मिले केंद्रीय मंत्री कुशवाहा, अटकलें तेज

कुशवाहा ने ट्वीट के जरिए कहा कि शरद यादव से उनकी मुलाकात एक 'शिष्टाचारिक भेंट' थी.

Updated on: 12 Nov 2018, 08:57 PM

नई दिल्ली:

बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीटों की साझेदारी में उपेक्षा से नाराज राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी (RLSP)) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को लोकतांत्रिक जनता दल के अध्यक्ष शरद यादव से मुलाकात कर BJP के नेतृत्व वाले गठबंधन से अलग होने के संकेत दिए. कुशवाहा की पार्टी से जुड़े लोगों के मुताबिक, BJP अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें मिलने के लिए बुलाया था, लेकिन उन्होंेने मिलने का समय नहीं दिया.

शरद यादव-कुशवाहा मिलन से एक दिन पहले, रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री व जेडीयू (JDU) प्रमुख नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और आरएलएसपी (RLSP) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) के बीच जुबानी जंग इस स्तर तक बढ़ गई कि उन्होंने नीतीश पर आरएलएसपी (RLSP) विधायकों को तोड़ने का आरोप लगा दिया. बिहार में ताजा राजनीतिक घटनाक्रम से एक पखवाड़ा पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जेडीयू (JDU) ने घोषणा की थी कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच बराबर की सीट साझेदारी रहेगी.

उसी समय से अटकलें तेज हो गई थीं कि आरएलएसपी (RLSP) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से अलग हो सकती है. कुशवाहा ने ट्वीट के जरिए कहा कि शरद यादव से उनकी मुलाकात एक 'शिष्टाचारिक भेंट' थी. 

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लेकिन इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेताओं के बीच बिहार के ताजा राजनीतिक हालात पर बातचीत हुई होगी.

कुशवाहा इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी-RJD) नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी.

आरएलएसपी (RLSP) के दो विधायकों के जेडीयू (JDU) में शामिल कराए जाने की तैयारी की खबरों के बीच कुशवाहा ने रविवार को कहा था, 'नीतीश कुमार को दूसरी पार्टी के विधायकों को तोड़ने में महारत हासिल है.'

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरएलएसपी (RLSP) विधायक सुधांशु शेखर (मधुबनी जिला स्थित हरलाखी से विधायक) और ललन पासवान (रोहतास जिला स्थित चेनारी से विधायक) को प्रदेश सरकार में मंत्री पद की पेशकश की गई है.

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आरएलएसपी (RLSP) सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि कुशवाहा के साथ BJP जिस तरह का व्यवहार कर रही है उससे वह खुश नहीं हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2014 में प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले ही उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया था.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि BJP नीतीश कुमार को ज्यादा अहमियत दे रही है, जबकि उन्होंने मोदी को BJP का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाए जाने पर NDA से पल्ला झाड़ लिया था.