लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अब एकला चलो की नीति में बदलाव करने के मूड में नजर आ रही है। लोजपा में टूट होने के बाद खुद को मजबूत करने में जुटी लोजपा (रामविलास) अब फिर से गठबंधन में शामिल होकर खुद को मजबूत करने की तैयारी में दिख रही है।
कहा जा रहा है कि बिहार में दो विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के परिणाम के बाद पार्टी ने अपनी रणनीति बदलने का फैसला लिया है। बिहार की राजनीति फिजां में इसकी भी खूब चर्चा है कि चिराग बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ आगे की राजनीति का सफर तय कर सकती हैं।
सूत्रों का दावा है कि राजद की ओर से इसके लिए विधान परिषद की सीटों का ऑफर भी दिया गया है। चर्चा तो यहां तक है कि लोजपा (रामविलास) के प्रदेश स्तर के कई नेता इसके लिए फील्ड भी तैयार करने में जुटे हैं।
माना जा रहा है कि जदयू के राजग में रहने के बाद चिराग के लिए राजग में रहकर राजनीति करना बहुत आसान नहीं है। मौजूदा राजनीतिक समीकरणों को देखें तो भाजपा के प्रति चिराग का साफ्ट कार्नर साफ नजर आता है, लेकिन जदयू से उनका 36 का आंकडा बिहार में उनके राजग में आने की राह की सबसे बड़ी मुश्किल है।
इधर, राजद चिराग को अपने साथ मिलाकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को कमजोर करना चाहती है।
लोजपा (रामविलास) के प्रधान सचिव संजय पासवान से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह साफ है कि पार्टी अब आगे की राजनीति गठबंधन में रहकर करना चाहती है।
उन्होंने बताया कि पार्टी की संसदीय बोर्ड की शनिवार की हुई बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया है। इसके लिए अध्यक्ष चिराग पासवान को अधिकृत कर दिया गया हैं। ऐसे में अब सभी की निगाह इस बात पर टिकी है कि चिराग का अगला सहयोगी कौन होता है।
उल्लेखनीय है कि पार्टी के पास न तो कोई विधायक है और न ही विधान पार्षद है। चुनाव जीतने वाले इकलौते जनप्रतिनिधि बतौर सांसद चिराग पासवान ही बचे हैं। आगामी कुछ दिनों में राज्य में 24 विधान परिषद की सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं। कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ सीटों के लिए राजद ने लोजपा (रामविलास) को ऑफर भी दिया है।
वैसे, कुछ दिन पहले लोजपा के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान को पद्म पुरस्कार मिलने के बाद चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर प्रशंसा की थी। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे, भाजपा के प्रति चिराग का मोहभंग नहीं हुआ है।
ऐसे में फिलहाल के राजनीतिक परि²श्य में खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग किस गठबंधन के साथ जाते हैं, यह तो आने वाला समय ही बतलाएगा।
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Source : IANS