चमकी बुखार: नीतीश सरकार ने माना, बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल, SC में दाखिल किया हलफनामा

नीतीश सरकार ने माना है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में मानवीय संसाधन जरूरत के लिहाज से कम है.

नीतीश सरकार ने माना है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में मानवीय संसाधन जरूरत के लिहाज से कम है.

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Ravindra Singh
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चमकी बुखार: नीतीश सरकार ने माना, बिहार में स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल, SC में दाखिल किया हलफनामा

नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

बिहार में इंसेफेलाइटिस से हो रही बच्चों की मौत के मामले में दाखिल हलफनामे में बिहार सरकार ने चौकानें वाले खुलासे किये हैं. नीतीश सरकार ने माना है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग में मानवीय संसाधन जरूरत के लिहाज से कम है. नीतीश सरकार ने माना कि स्वास्थ्य विभाग में 47 फीसदी डॉक्टरों की कमी है, 71 फीसदी नर्स के पद खाली है, 62 फीसदी लैब टेक्नीशियन के पद खाली है, 48 फीसदी फार्मासिस्ट की कमी है. जिसकी वजह से सरकारी अस्पताल मरीजों की उचित देखभाल नहीं कर पा रहा है. जिसकी वजह चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों का उचित इलाज नहीं किया जा सका.

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यहां सबसे अहम बात ये है कि नीतीश सरकार ने कोर्ट को ये दिलासा देने की कोशिश की है कि वो जरूरत के लिहाज से बिहार के सरकारी अस्पतालों के लिए मेडिकल ऑफिसर, पैरा मेडिकल और टेक्निकल स्टाफ की नियुक्ति को लेकर कदम उठाने जा रही है. लेकिन बिहार सरकार के पूरे हलफनामे में इस बात का जवाब कहीं नहीं है कि आखिर राज्य के स्वास्थ्य विभाग में इतने पद खाली रहने की वजह क्या है.

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हालांकि सरकार ने कहा है मौसम में बदलाव और राज्य सरकार के प्रयास से काफी हद तक इस बीमारी में काफी कमी आई है. सरकार बीमारी की वजह ढूंढने और दूरगामी समाधान करने में जुटी हुई है, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मसले को गंभीरता के साथ देख रहे हैं.

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HIGHLIGHTS

  • इंसेफेलाइटिस से हुई मौतों पर बिहार सरकार का हास्यपद जवाब
  • अस्पतालों में स्टाफ की कमी बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा
  • लगभग 15 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं नीतीश
Bihar CM Nitish Kumar Bihar Government Reply on Court Bihar Government reply on death of Encephalitis
      
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