बिहार सरकार नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर घिरती जा रही है। सरकार में शामिल भाकपा (माले) मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर इस मामले में झूठ बोलने का आरोप लगा रही है।
सत्ताधारी महागठबंधन में शामिल भाकपा माले के विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली को लेकर सरकार ने अन्य पार्टी से राय नहीं ली है।
उन्होंने कहा के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि नई शिक्षक नियमावली पर महागठबंधन के सभी दलों की सहमति है, यह सच नहीं है। भाकपा (माले) से कोई राय नहीं ली गई।
इसी प्रकार की बातचीत के लिए महागठबंधन के दलों की संयोजन समिति बनाने की मांग भाकपा (माले) लगातार उठाती रही है। इस दिशा में अब ठोस पहलकदमी लेने की जरूरत है।
भाकपा (माले) के विधायक संदीप सौरभ ने शनिवार को इस मुद्दे को लेकर एक बैठक भी बुलाई थी। बैठक में कहा गया कि नई नियमावली में शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा स्वागत योग्य है, लेकिन इसमें परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के घोषणापत्र के अनुसार, सभी नियोजित शिक्षकों को सरकारी कर्मी का दर्जा दिया जाना चाहिए।
बैठक में कहा गया कि नई शिक्षक नियमावली पर शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों की आपत्तियों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को विचार करना चाहिए और उसका निराकरण भी निकालना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि भाजपा पहले से ही नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरोध में है।
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Source : IANS