सरकार बदलते ही कार्रवाई शुरू, सुशील मोदी ने दिए मिट्टी घोटाले की जांच के आदेश
बिहार में महागठबंधन की सरकार बदलते ही लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के साथ ही उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मिट्टी घोटाले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
highlights
- बिहार में महागठबंधन की सरकार बदलते ही लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है
- एनडीए की सरकार बनने के साथ ही उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मिट्टी घोटाले में जांच के आदेश दिए हैं
- उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं
नई दिल्ली:
बिहार में महागठबंधन की सरकार बदलते ही लालू यादव और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के साथ ही उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मिट्टी घोटाले में जांच के आदेश दे दिए हैं।
उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। फिलहाल वन एवं पर्यावरण मंत्रालय का प्रभार उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के पास ही है।
मोदी ने इस मामले में पूरे विभाग के अधिकारियों को भी तलब करते हुए सभी फाइलों को अपने पास मंगाया है।
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गौरतलब है कि जब बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और कांग्रेस की सरकार थी, तब विपक्ष में रहते हुए सुशील कुमार मोदी ने इस कथित घोटाले का पर्दाफाश करते हुए नीतीश कुमार से तेज प्रताप यादव को बर्खास्त किए जाने की मांग की थी।
हालांकि तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में विभागीय जांच का आदेश देकर मामले को ठंडा करने की कोशिश की थी। बिहार के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में तेज प्रताप यादव को क्लीन चिट दे दी थी।
वित्त और पर्यावरण मंत्री सुशील मोदी ने कहा, 'मिट्टी घोटाला बहुत ही छोटा 40-50 लाख रुपये का है। मिट्टी घोटाले के जरिए ही हमें लालू के 1000 करोड़ के रुपये से भी ज्यादा कीमत की बेनामी संपत्तियों का पता चला। हम मिट्टी घोटाले से संबंधित फाइलों की समीक्षा कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि लालू यादव और उनका पूरा परिवार फिलहाल ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई की जांच के दायरे में है। हाल ही में रेलवे टेंडर में की गई कथित हेरा-फेरी के मामले में सीबीआई ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया था। इसी एफआईआर पर मचे घमासान की वजह से महागठबंधन की सरकार से नीतीश कुमार ने अलग होने का फैसला लिया।
हालांकि यह एक मात्र मामला नहीं है जिसमें तेज प्रताप यादव फंसे हुए हैं। मिट्टी घोटाला मामले के अलावा सुशील कुमार मोदी यादव के खिलाफ फर्जी कागजों के आधार पर पेट्रोल पंप हासिल करने का भी आरोप लगा चुके हैं।
मोदी की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए बीपीसीएल ने तेज प्रताप यादव को मिले पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द कर दिया था।
मोदी ने कहा उनकी सरकार पटना और आसपास के इलाकों में भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जिसमें आरजेडी के कई नेता शामिल हैं। पटना पुलिस भूमाफिया से जुड़े मामलों में अब तक 34 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
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