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दिल्ली के प्रगति मैदान में हुए 40वें अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार को मिला गोल्ड

40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी. साथ ही कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थे. इन सभी प्रदर्शनियों में बिहार नंबर 1 बना है.

Updated on: 27 Nov 2021, 08:34 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में सजे बिहार पैवेलियन को गोल्ड पुरस्कार हासिल हुआ है. प्रगति मैदान में आयोजित विशेष कार्यक्रम में बिहार को गोल्ड पुरस्कार दिया गया. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हर मोर्चे पर बिहार आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ये बहुत बड़ा सम्मान मिला है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य के पारंपरिक उद्योगों से लेकर हर तरह के उद्योगों का सर्वांगीण विकास हो रहा है. देश के कई राज्यों और दूसरे देशों की भी प्रदर्शनी के बीच गोल्ड हासिल कर नंबर 1 बनना बिहार के लिए बड़ी बात है. ये सभी राज्यवासियों के लिए गौरव का विषय है. उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और जिद है कि हर मोर्चे पर सफलता हासिल करनी है। बिहार उद्योग में भी नंबर वन बनेगा.

40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में 24 राज्यों की प्रदर्शनी लगी थी. साथ ही कुछ प्रदर्शनी विदेशों से भी थे. इन सभी प्रदर्शनियों में बिहार नंबर 1 बना है. बिहार की तरफ से ये पुरस्कार रेजिडेंट कमिश्नर पलका साहनी और उपेंद्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान के निदेशक अशोक सिन्हा ने प्राप्त किया. बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के हस्तशिल्पियों और बुनकरों द्वारा बनाई गई चीजें कारीगरी, सौंदर्य और गुणवत्ता में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की हैं और इसीलिए देश विदेश के लोंगों को खूब पसंद आई.

दिल्ली में 14 नंवबर से 27 नंवबर तक चलने वाले 40वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में बिहार ने अपने पैवेलियन को 41 स्टॉल्स से सजाए जिसमें बिहार के पारंपरिक लोक कला संस्कृति की झलक पेश करने वाले बेहतरीन उत्पाद देखने में मिले. बिहार पेवैलियन में सुप्रसिद्ध लोक कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी की मधुबनी पेंटिंग और उनके द्वारा दी जाने वाली मधुबनी पेंटिग की जीवंत प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहीं तो बिहार के अन्य हिस्सों में बनने वाली लोक कलाकृतियां और बिहार के पारंपरिक उद्योगों द्वारा निर्मित चीजें लोगों को खूब पंसद आई.