बिहार में बाढ़ से अबतक 440 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने दिया 500 करोड़ रु का राहत पैकेज
बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। 19 जिलों के प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी भले ही कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानियां घट नहीं रही हैं।
highlights
- बिहार में बाढ़ से अबतक 440 लोगों की मौत
- पीएम मोदी ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा, 500 करोड़ रुपये के राहत पैकेज का किया ऐलान
नई दिल्ली:
बिहार में बाढ़ का कहर अभी भी जारी है। 19 जिलों के प्रभावित इलाकों से बाढ़ का पानी भले ही कम हो रहा है, लेकिन लोगों की परेशानियां घट नहीं रही हैं। कई लोगों के घर टूट गए हैं तो कहीं सड़कें टूट गई हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह बंद हो गया है। राज्य के कई क्षेत्रों में अभी भी बाढ़ का पानी फैला हुआ है।
बिहार में बाढ़ से करीब पौने दो करोड़ लोग प्रभावित
बिहार में बाढ़ से 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ की चपेट में आने से 22 लोगों की मौत हो गई, जिससे बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 440 तक पहुंच गई है।
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया, 'बाढ़ग्रस्त जिलों के प्रभावित इलाकों से अब बाढ़ का पानी उतर रहा है। अभी भी राज्य के 19 जिलों के 187 प्रखंडों की 1.71 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।'
पीएम मोदी ने बाढ़ राहत के लिए दी तत्काल 500 करोड़ की मदद
बिहार में बाढ़ से हुई भारी तबाही का जायजा लेने शनिवार को पीएम मोदी भी पहुंचे। सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, अररिया, किशनगंज और कटिहार का दौरा करने के बाद पुर्णिया के हवाई अड्डे पर ही पीएम मोदी ने सीएम के साथ उच्चस्तरीय अधिकारियों की बैठक बुलाई और हालात और राहत कार्यों का जायज़ा लिया। बैठक के तुरंत बाद पीएम मोदी ने बाढ़ राहत के लिए 500 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने बिहार सरकार को आगे भी मदद का भरोसा दिया है।
बिहार में बाढ़ से कहां कितना नुकसान
आपदा प्रबंधन विभाग विभाग के शनिवार को जारी आंकड़े के मुताबिक, राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़ से 22 लोगों की मौत हुई है, जिस कारण बाढ़ से मरने वालों की संख्या 440 तक पहुंच गई है।
अररिया में सबसे ज्यादा 95 लोगों की मौत हुई है, जबकि किशनगंज में 24, पूर्णिया में नौ, कटिहार में 40, पूर्वी चंपारण में 32, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 30, मधुबनी में 28, सीतामढ़ी में 46, शिवहर में पांच, सुपौल में 16, मधेपुरा में 25, गोपालगंज में 20, सहरसा और खगड़िया में आठ-आठ, मुजफ्फरपुर में नौ, समस्तीपुर में दो तथा सारण में सात लोगों की मौत हुई है।
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अब लोगों के शिविरों से वापस घर लौटने के कारण राहत शिविरों की संख्या कम की जा रही है।
उन्होंने बताया, 'पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, गोपालगंज, सहरसा, खगड़िया, समस्तीपुर और सीवान में चलाए जा रहे राहत शिविरों को बंद कर दिया गया है। फिलहाल 262 राहत शिविर चल रहे हैं, जिसमें करीब 1.65 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं। इन क्षेत्रों में अभी भी 1,114 सामुदायिक रसोई चल रही है।'
आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया, 'बाढ़ग्रस्त जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है।'
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