बिहार में बाढ़ ने मचाया हाहाकार, 341 लोगों की मौत, 24 घंटे में 37 जिंदगियां पानी में बही
बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए ही पीएम मोदी ने 26 अगस्त को इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला लिया है
highlights
- बिहार में बाढ़ से हालात गंभीर, अबतक 341 लोगों की मौत
- 24 घंटे में 35 से ज्यादा लोगों की मौत, पीएम मोदी 26 अगस्त को करेंगे दौरा
नई दिल्ली:
बिहार में बाढ़ ने बीते 15 दिनों से भारी तबाही मचा रखी है। वहां स्थिति दिनों दिन और गंभीर होती जा रही है। राज्य में बाढ़ से अबतक 341 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब डेढ़ करोड़ लोग इससे बुरी तरह जूझ रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि बाढ़ प्रभावित पुराने इलाकों में तो पानी घटा है लेकिन नए इलकों में इसका तेजी से फैलाव हो रहा है।
बिहार में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए ही पीएम मोदी ने 26 अगस्त को इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित इलाकों का दौरा करने का फैसला लिया है। राज्य में हालात इतने बदतर हो चले हैं कि सिर्फ पिछले 24 घंटे में 37 लोगों की मौत चुकी है। बाढ़ से मरनेवालों का ये आंकड़ा रोज बेहद तेजी से बढ़ रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, 'राज्य के 18 जिलों के 183 प्रखंडों की 1.46 करोड़ से ज्यादा की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। बाढ़ की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान पांच नए प्रखंडों में भी बाढ़ के पानी का फैलाव हुआ है।'
बाढ़ से अगर सबसे ज्यादा किसी जिले को क्षति पहुंची है तो वो हैं सीमांचल का अररिया। वहां बाढ़ अबतक 75 जिंदगियों को खत्म कर चुका है। कमोबेश यही हालत दूसरे जिलों का भी है। किशनगंज में 23, पूर्णिया में 9, कटिहार में 26, पूर्वी चंपारण में 19, पश्चिमी चंपारण में 36, दरभंगा में 19, मधुबनी में 23, सीतामढ़ी में 36, शिवहर में चार, सुपौल में 15, मधेपुरा में 19, गोपालगंज में 14, सहरसा में चार, मुजफ्फरपुर में सात, खगड़िया और सारण में 6-6 लोगों की जान जा चुकी है।
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 'बाढ़ प्रभावित इलाकों में पानी से घिरे 7.61 लाख से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में 1,085 राहत शिविर खोले गए हैं, जिसमें करीब 2.29 लाख से ज्यादा लोग अभी शरण लिए हुए हैं। 1608 सामुदायिक रसोई खोली गई है, जिसमें लोगों को लंगर की तरह खाना खिलाया जा रहा है।'
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, 'प्रभावित जिलों में लगातार सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ ) की टीम लगी हुई है। इन 18 जिलों में एनडीआरएफ की 28 टीम के 1,152 जवान अपनी 118 नौकाओं और एसडीआरएफ की 16 टीम के 466 जवान अपनी 92 नौकाओं तथा सेना के 630 जवान एवं 70 नौकाओं के साथ राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं।"
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सकों का चलंत दस्ता भी प्रभावित इलाकों में लगा हुआ है। इसके अलावा कई सरकारी और निजी नावों को भी राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।
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