राष्ट्रीय जनता दल (राजद ) में अब बदलाव दिखने लगा है। कल तक जहां पार्टी के सर्वेसर्वा अध्यक्ष लालू प्रसाद माने जाते थे, लेकिन नीतिगत निर्णय लेने का अधिकार तेजस्वी यादव को भी मिल गया है। अब यह कहा भी जाने लगा है कि पार्टी में लालू युग ढलान पर है जबकि युवा नेतृत्व उभर कर सामने आने लगे हैं।
पिछले कुछ दिन पूर्व राजद की बैठक में भी सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि तेजस्वी यादव ही पार्टी के तमाम नीतिगत फैसले लेंगे। इस बैठक में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव खुद भी मौजूद थे।
राजद के एक नेता बताते हैं कि राजद के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव आलोक मेहता ने ये प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें पार्टी से संबंधित सभी नीतिगत फैसला लेने की जिम्मेदारी तेजस्वी यादव को सौंपने की मांग की गई थी।
उसके बाद बैठक में खुद लालू प्रसाद ने सभी विधायकों से हाथ उठवा कर ये पूछा कि अगर तेजस्वी यादव कोई भी फैसला लेंगे उसपर आप लोग सहमत होंगे, इस पर सभी की सहमति के बाद तेजस्वी को फैसला लेने का अधिकार मिल गया।
वैसे, पिछले विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी ने जिस प्रकार मेहनत कर राजद को विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनाने की भूमिका निभाई थी, उसी समय से राजद में इनकी पकड़ मजबूत हो गई थी।
उस समय लगभग यह तय हो गया था कि पार्टी पर तेजस्वी का नियंत्रण हो चुका है, लेकिन इस प्रस्ताव के बाद इस पर एक तरीके से मुहर भी लग गई।
राजद के नेता तेजस्वी ने भी पार्टी को मुस्लिम - यादव समीकरण को छोड़कर एक कदम आगे बढ़ाते हुए राजद को सभी की पार्टी बताकर एक नया दांव खेला है। तेजस्वी कई मौके पर राजद को ए टू जेड की पार्टी बताते रहे हैं। इसका प्रभाव भी बोचहा विधानसभा उपचुनाव में दिखा, जहां राजद की बड़ी जीत हुई।
पार्टी के नेता और प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं, तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं। उन्होंने कहा कि युवा के साथ इनमे कर्मठता है, पिछले चुनाव में राजद को मिला समर्थन भी इसका प्रमाण है कि राज्य के लोग भी तेजस्वी यादव के साथ हैं।
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Source : IANS