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बिहार:नीतीश कैबिनेट के 8 मंत्रियों के खिलाफ लंबित हैं आपराधिक मामले: ADR

ये आठ मंत्री एनडीए के सभी चार पार्टियों- जनता दल यूनाइटेड, भाजपा, हम और वीआईपी के हैं. इनमें से भाजपा के चार, जदयू के दो, हम के एक और वीआईपी के एक मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

Updated on: 18 Nov 2020, 07:05 PM

नई दिल्ली:

बिहार में शपथ लेने वाले नए कुल आठ मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं, जिनके बारे में जानकारी इन मंत्रियों ने खुद अपने शपथपत्र में दी है. बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने बताया कि जिन 14 मंत्रियों के शपथपत्र का विश्लेषण किया गया, इनमें से छह के खिलाफ(43 प्रतिशत) गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन मंत्रियों में दो भाजपा, दो जदयू और एक हम और एक वीआईपी से हैं.

चुनाव पर नजर रखने वाले इन संस्थानों ने कहा कि यह जानकारी इन 14 मंत्रियों के शपथपत्र में उनके द्वारा दी गई सूचना पर आधारित है. मजेदार बात यह है कि ये आठ मंत्री एनडीए के सभी चार पार्टियों- जनता दल यूनाइटेड, भाजपा, हम और वीआईपी के हैं. इनमें से भाजपा के चार, जदयू के दो, हम के एक और वीआईपी के एक मंत्री के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं.

शिक्षामंत्री मेवालाल को लेकर शुरू हुआ था बवाल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने मंत्रिमंडल में मेवा लाल चौधरी को शामिल किए जाने पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. मेवालाल चौधरी के मंत्रिपद शपथ ग्रहण करते ही विवाद शुरू हो गया. मेवालाल पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रहते नौकरी में घोटाला करने का आरोप है. उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बिहार के तत्कालीन राज्यपाल के पद पर रहते  मेवालाल चौधरी के खिलाफ जांच करायी थी और उन पर लगे आरोपों को सही पाया था. ये जांच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई थी. 

पूर्व आईपीएस ने मेवालाल की पत्नी की मौत पर उठाए सवाल
एक पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बिहार के डीजीपी को पत्र लिखकर चौधरी की पत्नी की कथित रहस्यमय मौत की विस्तृत जांच की मांग की है. बिहार कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि उनकी पत्नी नीता की रहस्यमयी मौत चौधरी द्वारा कथित रूप से भर्ती घोटाले के लिंक के साथ एक राजनीतिक साजिश हो सकती है. आपको बता दें कि दास ने 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी.

सुशांत राजपूत की तर्ज पर यहां भी बिहार सरकार को तेजी दिखानी चाहिए
दास ने एक पत्र में कहा, मुझे नीता चौधरी की रहस्यमय मौत के बारे में जानकारी है. उनकी मौत गहरी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हो सकती है. उनकी मौत भर्ती घोटाले से जुड़ी है.  पूर्व विधायक नीता चौधरी 27 मई, 2019 को अपने घर पर जलने के बाद गंभीर हालत में मिली थीं. इसके बाद दो जून 2019 को उनकी मृत्यु हो गई. दास ने कहा, बिहार पुलिस ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय मौत पर त्वरित कार्रवाई की, मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार पुलिस इस मामले में भी ऐसा ही करेगी. मैं बिहार पुलिस से उम्मीद कर रहा हूं कि उसकी जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा.