बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राजनीति में भोग और आराम के लिए नहीं बल्कि इसमें सेवा की भावना से आना चाहिए। नीतीश कुमार ने उन जन प्रतिनिधियों को आड़े हाथों लिया जो राजनीति को भोग और आरम का काम समझते हैं।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में विधायकों को संबोधित करते हुए उन्हें बेहतर तरीके से काम करने के सुझाव दिए थे।
विधायकों में जोश भरते हुए उन्होंने कहा था कि यूपी के विकास के लिए बहुत काम करना है। विधायकों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्होंने कहा था कि विधायकों को बेहतर आचार-विचार और आचरण पर ध्यान देने की जरूरत है।
एक जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि राज-काज के संचालन के लिए जनता के द्वारा जो जिम्मेवारी दी जाती है उसमें आराम और चैन कहां है। यह बात उन्होंने पुर्णिया जिले में बड़हारा प्रखंड के सुखासन कोठी गांव में स्व. वजीन्द्र नारायण सिंह की स्मृति में आयोजित समारोह के दौरान कहा।
उन्होंने कहा कि जो लोग यह सोच रहे हैं कि सत्ता में पहुंच गए तो भोग और आराम करेंगे यह ठीक नहीं है। राजनीति में जनसेवा करना भी एक तरह से योग के समान है।
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समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार बनाने का मतलब यह नहीं कि केवल आदेश से व्यवस्था चलाएं बल्कि हमें यह देखना होता है कि जनता का काम हो रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि मैं खुद गांव जाकर देखता हूं।
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मन्नत श्री पब्लिक वेलफेयर सोसाईटी द्वारा आयोजित स्व.वजीन्द्र नारायण स्मृति समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. वजीन्द्र नारायण सिंह एक कर्मठ और कुशल प्रशासक के साथ-साथ समाजसेवा से जुड़े व्यक्तित्व थे।
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HIGHLIGHTS
- नीतीश कुमार ने दी नसीहत, भोग और आराम के लिए न आएं राजनीति में
- नीतीश कुमार ने कहा, राजनीति में जनसेवा करना भी एक तरह से योग के समान है
Source : News Nation Bureau