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नक्सलवाद पर केंद्र के दोहरे रवैये पर नीतीश ने उठाए सवाल, गृह मंत्री ने बुलाई थी नक्सल प्रभावित राज्यों के सीएम की बैठक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नक्सल समस्या पर बुलाई बैठक के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि एक और प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्वन पर ज़ोर दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तीय सहायता बंद कर चुकी है।

Updated on: 08 May 2017, 04:30 PM

highlights

  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नक्सल समस्या पर बुलाई बैठक के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया है
  • नीतीश ने कहा कि केंद्र सरकार प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तीय सहायता बंद कर चुकी है, जिससे नक्सल समस्या से निपटने में दिक्कतें आ रही हैं

New Delhi:

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नक्सल समस्या पर बुलाई बैठक के औचित्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।

सुकमा हमले के बाद नक्सल विरोधी रणनीति को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बुलाई बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि एक ओर केंद्र सरकार प्रशिक्षण एवं क्षमता बढ़ाने पर जोर देने की बात कर रही है, वहीं केंद्र सरकार प्रशिक्षण केंद्रों को वित्तीय सहायता देना बंद कर चुकी है।

राजनाथ सिंह ने नक्सल समस्या से निपटने के लिए 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मुलाकात की थी। बैठक में उन्होंने कहा था, 'देश में वामपंथी उग्रवाद की समस्या का निदान अचानक से संभव नहीं है।'

सिंह ने कहा कि नक्सल समस्या से निपटने के लिए कोई शॉर्ट कट रास्ता नहीं है और इसके लिए लॉन्ग टर्म नीति बनाने की जरूरत है। सुकमा हमले के बाद केंद्र सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी रणनीति में बदलाव किया है।

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कुमार ने कहा कि ऐसे विरोधाभास से समस्या का समाधान नहीं हो सकेगा। अगर सभी कार्य राज्य को ही करने है और अपने ही संसाधन लगाने है तो इस बैठक का क्या मतलब है?

बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा के लिए वामपंथी अतिवादियों के खिलाफ यह लड़ाई राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त लड़ाई है, परंतु इन बलों की प्रतिनियुक्ति पर होने वाले खर्च को उठाने का पूरा ज़िम्मा राज्य सरकार को दिया जाता है। इस खर्च का वहन केंद्र और राज्य संयुक्त रूप से करे।

वामपंथी उग्रवाद पर प्रभावी कार्रवाई करने का कार्य राज्यों पर डालकर केंद्र मात्र समीक्षात्मक भूमिका नहीं निभा सकता है। केवल राज्यों से बातचीत नहीं, केंद्र को भी सार्थक पहल करनी होगी।

कुमार ने कहा कि प्रत्येक राज्य में हेलीकॉप्टर की तैनाती अनिवार्य रूप से की जाए। बिहार लंबे समय से गृह मंत्रालय से हेलिकॉप्टर तैनाती के लिए अनुरोध करता रहा है। लेकिन हमसे झारखंड में तैनात हेलिकॉप्टर से ही आवश्यकता आधारित सहयोग लेने को कहा जाता रहा है।

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पिछले वर्ष से विशेष संरचना योजना, एकीकृत कार्य योजना को बंद किया गया जबकि हमें आशा थी की केंद्र इन योजनाओं को सुदृढ़ करते हुए संसाधनों में बढ़ोतरी करेगी। 

कुमार ने कहा कि पिछले वर्ष से विशेष संरचना योजना, एकीकृत कार्य योजना को बंद किया गया जबकि हमें आशा थी की केंद्र इन योजनाओं को सुदृढ़ करते हुए संसाधनों में बढ़ोतरी करेगी।

समय के साथ अब इस योजना के स्वरूप एवं आयाम को और विस्तार करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। किंतु इसके विपरीत केंद्र सरकार की नई नीति के तहत पुलिस आधुनिकीकरण योजना बजट में कटौती कर दी गई है।

वर्ष 2000-2001 से 2014-15 तक केंद्र सरकार द्वारा बिहार राज्य को औसतन 40 करोड रुपये प्रति वर्ष का अनुदान दिया जाता था उसके बाद करीब 25 करोड रुपये प्रति वर्ष दिए जा रहे हैं। इस रकम का कोई मतलब नहीं है और इसे कई गुना बढ़ाए जाने की आवश्यकता है

छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले के बाद केंद्र सरकार ने अपनी नकस्ल विरोधी रणनीति में बदलाव किया है। सुकमा हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान मारे गए थे।

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