बिहार में कहने को तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (युनाइटेड) सहित अन्य दो छोटे दलों की गठबंधन की सरकार चल रही है, लेकिन बिहार के विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर जदयू के फिर से मुखर होने के बाद नीतीश को कई विपक्षी दलों का साथ भी मिला है। इसको लेकर राज्य की सियासत में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि भाजपा का कहना है कि भाजपा और जदयू में किसी प्रकार की टकराव की स्थिति नहीं है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस सप्ताह के प्रारंभ में फिर से बिहार को विशेष राज्य के दर्जे की मांग को छेड़ा था। इसके बाद इस मुद्दे को लेकर सियासत तेज हो गई।
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार को विकसित करने के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग काफी वर्षों से करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार अगर सबसे पीछे हैं तो इसका विकास करना है, इसीलिए हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है।
उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमलोग बहुत पहले से करते रहे हैं। नीतीश की इस मांग के बाद केंद्र में मंत्री पशुपति कुमार पारस और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का भी नीतीश को साथ मिला है।
केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने कहा है कि बिहार को विशेष पैकेज मिलना चाहिए। बिहार तेजी से विकास कर रहा है, फिर भी उसे लंबी दूरी तय करनी है। ऐसे में विशेष पैकेज आवश्यक हो जाता है।
इधर, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि विशेष दर्जे पर हम नीतीश कुमार के साथ हैं। मांझी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि जब नीति आयोग बिहार को पिछड़ा राज्य बता रहा है, तब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। इसके लिए हमारी पार्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ है।
इस बीच विपक्षी दल राजद भी इस मुद्दे को लेकर जदयू के साथ खड़ा नजर आ रहा है। राजद के सांसद मनोज झा कहते हैं कि विकसित बिहार के लिए विशेष दर्जा देना ही होगा। बिहार पिछड़ा रहेगा तो देश भी पिछड़ा ही रहेगा। इस तर्क को केन्द्र को समझना होगा।
इधर, भाजपा के नेता संजय मयूख कहते हैं कि भाजपा की नीति ही सबका साथ, सबका विकास की रही है। उन्होंने कहा कि बिहार को जितना बड़ा पैकेज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मिला है, उतना कभी बिहार को नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि बिहार लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर हो रहा है, और आगे भी होगा।
इस बीच, विशेष राज्य के दर्जा देने की मांग के लेकर हो रही बयानबाजी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं। इधर, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि प्रदेश में एनडीए एकजुट है। कई मुद्दों को लेकर व्यक्तिगत टिप्पणियों से गठबंधन की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
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Source : IANS