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बिहार में अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले प्रखंडों में खुलेंगे मंडल आवासीय विद्यालय

बिहार में अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले प्रखंडों में खुलेंगे मंडल आवासीय विद्यालय

Updated on: 08 Oct 2021, 12:50 AM

पटना:

बिहार में अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले प्रखंडों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मडल आवासीय विद्यालय खोले जाएंगे।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। इस बैठक में उपस्थित अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति की 50 हजार से ज्यादा आबादी वाले प्रखंडों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति मडल आवासीय विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने इसके लिए भूमि की उपलबता, विद्यालय का मडल सहित अन्य जरूरी चीजों का आकलन करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने एससी-एसटी छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवृत्ति और मेधावृत्ति की योजनाओं का बेहतर लाभ देने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी के सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन के साथ-साथ बौद्घिक व सांस्कृतिक विकास के लिए सामुदायिक भवन सह वर्क शेड का निर्माण कराया गया है, जिसमें जरूरी सुविधाएं उपलब कराई गई हैं। उन्होंने इन सभी सामुदायिक भवनों की फंक्शनलिटी, मेंटेनेंस को लेकर आकलन करने के निर्देश दिए, जिससे इसको और उपयोगी और बेहतर बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने साफतौर कहा कि पुराने व जर्जर छात्रावासों को नये भवन के रूप में बदलना है, जिसका काम तेजी से पूरा किया जाए।

नीतीश ने सलाह देते हुए कहा कि आवासीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने के लिए दीदी की रसोई से मेस चलाया जा सकता है।

थरूहट समाज के लिए चलाई गई विकास योजनाओं की स्थिति का आकलन करने और इस समाज के विकास के लिए सभी जरूरी कार्य करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए।

इससे पहले विभाग के सचिव दिवेश सेहरा ने प्रेजेंटेशन के मायम से आवासीय विद्यालय छात्रावास योजना, छात्रवृत्ति एवं मेधावृत्ति योजना, थरुहट क्षेत्र विकास योजना, दशरथ मांझी कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

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